राजधानी पटना का ऐतिहासिक पटना मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (पीएमसीएच) अब आधुनिकता की नई मिसाल बनने की ओर है। लंबे इंतजार के बाद अस्पताल के नए भवन में पहली बार इमरजेंसी और इनडोर सेवाएं 18 अक्टूबर से शुरू होंगी। अस्पताल प्रशासन ने बताया है कि मेडिकल इमरजेंसी, पीकू (बाल गहन चिकित्सा इकाई) और नीकू (नवजात गहन चिकित्सा इकाई) समेत कई विभागों को चरणबद्ध तरीके से नए हॉस्पिटल ब्लॉक के टावर-1 और टावर-2 में स्थानांतरित किया जाएगा।इससे पहले तीन बार तिथि तय की गई थी — 21 जुलाई, 15 अगस्त और 15 सितंबर — लेकिन हर बार तकनीकी और प्रशासनिक कारणों से उद्घाटन टल गया। इस बार प्रशासन का दावा है कि सभी व्यवस्थाएं पूरी हो चुकी हैं और 18 अक्टूबर को निर्धारित तारीख पर ही शिफ्टिंग प्रक्रिया आरंभ होगी।
नए पीएमसीएच भवन को अत्याधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित किया गया है। यहां गंभीर मरीजों के लिए 65 ऑटोमेटेड आईसीयू बेड, 44 पोस्ट-आईसीयू बेड, 100 प्राइवेट रूम, 10 डीलक्स रूम और 2 सुइट रूम तैयार किए गए हैं। साथ ही हेलिपैड की व्यवस्था भी की गई है, जिससे गंभीर रोगियों को एयर लिफ्ट कर सीधे अस्पताल तक लाया जा सकेगा।अस्पताल में आधुनिक ऑपरेशन थिएटर, अत्याधुनिक मॉनिटरिंग सिस्टम, कंप्यूटरीकृत नर्सिंग स्टेशन, सीसीटीवी निगरानी, अग्निशमन व्यवस्था और विशाल प्रतीक्षालय जैसी कई सुविधाएं भी होंगी। मरीजों की गोपनीयता सुनिश्चित करने के लिए प्रत्येक वार्ड को नीले पर्दों से विभाजित किया गया है।अस्पताल अधीक्षक डॉ. आई. ए. एस. ठाकुर के अनुसार, अब सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। पहले तकनीकी और संचालन कर्मियों की कमी थी, जिसे अब पूरा कर लिया गया है। चूंकि नया भवन अत्याधुनिक तकनीक से संचालित होगा, इसलिए आगे और भी तकनीकी कर्मचारियों की नियुक्ति की जाएगी।पहले चरण में 18 अक्टूबर को मेडिसिन इमरजेंसी को नए भवन में शिफ्ट किया जाएगा, जिसके बाद पीडियाट्रिक विभाग (पीकू-नीकू) और महिला एवं प्रसूति वार्ड को क्रमशः स्थानांतरित किया जाएगा।टावर-1 और टावर-2 के पूर्ण रूप से शुरू होने के बाद नए अस्पताल में कुल 1,050 बेड की सुविधा उपलब्ध होगी। यह परियोजना न केवल पटना, बल्कि पूरे बिहार की स्वास्थ्य व्यवस्था में एक ऐतिहासिक कदम साबित होगी। अब सबकी निगाहें 18 अक्टूबर की तारीख पर टिकी हैं, जब नया पीएमसीएच “विकसित बिहार का प्रतीक” बनकर सामने आएगा।