बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तारीखों का ऐलान हो चुका है, और अब पूरा राज्य चुनावी माहौल में डूब गया है। चुनाव दो चरणों में होंगे — पहले चरण का मतदान 6 नवंबर को और दूसरे चरण का मतदान 11 नवंबर को होगा। तारीखों की घोषणा के साथ ही सभी राजनीतिक दल मैदान में उतर आए हैं। बयानबाज़ी, प्रचार और दावों का सिलसिला तेज हो गया है।एनडीए और महागठबंधन के बीच सीधी टक्कर दिख रही है। एक ओर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव का कहना है कि 14 नवंबर एनडीए सरकार की विदाई का दिन होगा, तो वहीं एनडीए का दावा है कि उसी दिन राजद का राजनीतिक अंत हो जाएगा। दोनों ही पक्ष एक-दूसरे पर जमकर हमला बोल रहे हैं।इसी बीच एनडीए ने अपने चुनावी अभियान को नया मोड़ देते हुए ताजा नारा जारी किया है।
भाजपा ने सोशल मीडिया पर एक नया स्लोगन साझा किया — “25 से 30, हमारे दो भाई – नरेंद्र और नीतीश”,जिसका अर्थ है कि वर्ष 2025 से 2030 तक नीतीश कुमार ही बिहार के मुख्यमंत्री बने रहेंगे।भाजपा ने अपने प्रचार में कई और नारे जोड़े हैं, जैसे —“बिहार में जारी रहेगी विकास की तेज रफ्तार, 14 नवंबर को फिर एक बार एनडीए सरकार।”“विकास की रफ्तार बरक़रार रखने के लिए, 6 और 11 नवंबर को कमल का बटन दबाएँ और NDA को जिताएँ।”“जनता का विश्वास, फिर से NDA सरकार — बस 38 दिन का है इंतज़ार, थमेगी नहीं विकास की रफ्तार।”“बिहार की जनता का मूड, सिर्फ एनडीए के साथ — 160 से ज़्यादा सीटों पर जीत कर लौटेगी प्रचंड बहुमत की सरकार।”भाजपा का यह नया प्रचार अभियान विपक्ष के उस दावे का जवाब माना जा रहा है, जिसमें कहा जा रहा था कि चुनाव के बाद भाजपा नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री नहीं बनाएगी।पार्टी ने सोशल मीडिया पर एक पोस्टर भी जारी किया है, जिसमें टूटी हुई लालटेन दिखाई गई है। पोस्टर में लालटेन को जिस पत्थर से टकराते हुए दिखाया गया है, उस पर “बिहार की जनता” लिखा है और नीचे तारीख 14 नवंबर 2025 अंकित है।
भाजपा ने इसे “राजद के अंत और सुशासन की ऐतिहासिक जीत की तारीख” बताया है।वहीं दूसरी ओर राजद भी पलटवार करने से पीछे नहीं है। लालू प्रसाद यादव ने ट्वीट किया —“छह और ग्यारह, एनडीए नौ-दो-ग्यारह।”जबकि तेजस्वी यादव ने लिखा —“14 नवंबर 2025 को इतिहास याद रखेगा। यह दिन बिहार के सुनहरे भविष्य, परिवर्तन और विकास की नई शुरुआत के रूप में स्वर्ण अक्षरों में दर्ज होगा।”अब जब मतदान की तारीखें तय हो चुकी हैं, बिहार की राजनीति अपने सबसे गरम दौर में प्रवेश कर चुकी है। 14 नवंबर को मतगणना के दिन यह साफ़ हो जाएगा कि जनता का विश्वास किसके साथ है — एनडीए या महागठबंधन।