बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले चुनाव आयोग ने मतदाताओं और अधिकारियों के लिए दो अहम दिशा-निर्देश जारी किए हैं। पहला निर्देश मतदान प्रक्रिया को और अधिक समावेशी बनाने पर केंद्रित है, जबकि दूसरा फेक न्यूज और भ्रामक सूचनाओं पर रोक लगाने से जुड़ा है।85 वर्ष से ऊपर और विकलांग मतदाता अब घर से कर सकेंगे मतदानचुनाव आयोग ने स्पष्ट किया है कि 85 वर्ष से अधिक आयु के मतदाता और बेंचमार्क दिव्यांगता वाले मतदाता डाक मतपत्र (पोस्टल बैलेट) के जरिए अपने मताधिकार का उपयोग कर सकेंगे। इसके लिए उन्हें चुनाव की अधिसूचना जारी होने के पांच दिनों के भीतर आवेदन करना होगा। यह आवेदन बीएलओ के माध्यम से फॉर्म D-12 भरकर संबंधित निर्वाची अधिकारी को सौंपा जाएगा।इसके बाद मतदान दल उनके घर पहुंचकर वोट एकत्र करेगा ताकि बुजुर्गों और दिव्यांग मतदाताओं को मतदान केंद्र जाने में असुविधा न हो।जरूरी सेवाओं में कार्यरत कर्मियों को भी मिलेगी यह सुविधाअग्निशमन, स्वास्थ्य, बिजली, यातायात, एम्बुलेंस, विमानन और सरकारी परिवहन जैसी आवश्यक सेवाओं में कार्यरत कर्मचारियों को भी पोस्टल बैलेट की सुविधा दी जाएगी। ये कर्मचारी अपने विभाग के नोडल अधिकारी के माध्यम से आवेदन कर सकेंगे।
आयोग ने मान्यता प्राप्त मीडियाकर्मियों को भी इस श्रेणी में शामिल किया है ताकि वे चुनावी ड्यूटी के दौरान अपने मताधिकार से वंचित न रहें।
फेक न्यूज पर चुनाव आयोग की सख्ती-
दूसरी बड़ी पहल फेक न्यूज और गलत सूचनाओं पर नियंत्रण को लेकर है। आयोग ने कहा है कि सोशल मीडिया या अन्य माध्यमों से भ्रामक खबरें फैलाने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। बुधवार को उप निर्वाचन आयुक्त मनीष गर्ग और डीजी मीडिया आयुष गोयल ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बिहार के मुख्य निर्वाचन अधिकारी, राज्य पुलिस नोडल अधिकारी और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक कर यह दिशा-निर्देश दिए।बैठक में निर्देश दिया गया कि अफवाहों और गलत सूचनाओं की तुरंत पहचान कर उनका खंडन किया जाए। डीआईजी मानवजीत सिंह ढिल्लों ने बैठक में बिहार के फेक न्यूज काउंटर मैकेनिज्म की कार्यप्रणाली और तैयारी की जानकारी दी।
लक्ष्य — पारदर्शी और सहभागी चुनाव प्रक्रिया-
चुनाव आयोग का उद्देश्य स्पष्ट है — मतदान में अधिकाधिक भागीदारी सुनिश्चित करना और चुनाव प्रक्रिया को पारदर्शी एवं निष्पक्ष बनाना। आयोग ने दोहराया कि न तो कोई मतदाता उम्र या दिव्यांगता के कारण वोट देने से वंचित रहेगा, और न ही फेक न्यूज के कारण लोकतांत्रिक प्रक्रिया प्रभावित होने दी जाएगी।