उप मुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने मंगलवार को बिहार के पहले मुख्यमंत्री और ‘बिहार केसरी’ कहलाने वाले डॉ. श्रीकृष्ण सिंह (श्री बाबू) की जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित की। लखीसराय जिले के बड़हिया स्थित श्रीकृष्ण चौक पर उन्होंने श्रीबाबू की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उनके योगदान को याद किया। इस अवसर पर विजय सिन्हा ने कहा कि श्रीबाबू न केवल बिहार के विकास पुरुष थे, बल्कि उन्होंने आधुनिक बिहार की मजबूत नींव रखी। उनका त्याग, समर्पण और राष्ट्रसेवा की भावना आज भी हम सबके लिए प्रेरणा का स्रोत है।
गौरतलब है कि “बिहार केसरी” डॉ. श्रीकृष्ण सिंह (1887–1961) अखंड बिहार के पहले मुख्यमंत्री थे और 1946 से 1961 तक उन्होंने राज्य का नेतृत्व किया। उनके नेतृत्व में बिहार ने उद्योग, कृषि, शिक्षा, सिंचाई, स्वास्थ्य, कला और सामाजिक क्षेत्रों में उल्लेखनीय प्रगति की। अविभाजित बिहार के सर्वांगीण विकास में उनके अमूल्य योगदान के कारण उन्हें “आधुनिक बिहार का निर्माता” कहा जाता है।
विजय सिन्हा ने कहा कि श्रीबाबू के कार्यकाल में बरौनी ऑयल रिफाइनरी, सिंदरी और बरौनी खाद कारखाने, हटिया का भारी इंजीनियरिंग निगम (एचईसी), बोकारो स्टील प्लांट, बरौनी डेयरी, गढ़हरा रेलवे यार्ड और राजेंद्र पुल जैसे ऐतिहासिक प्रोजेक्ट शुरू हुए। यही नहीं, कोशी परियोजना, पुसा और सबौर कृषि महाविद्यालय, बिहार, भागलपुर और रांची विश्वविद्यालय जैसी संस्थाओं की भी स्थापना हुई।
उन्होंने यह भी बताया कि स्वतंत्र भारत की संसद द्वारा नियुक्त फोर्ड फाउंडेशन के अर्थशास्त्री श्री एपेल्लवी की रिपोर्ट में बिहार को देश का सबसे बेहतर शासित राज्य और दूसरी सबसे मजबूत अर्थव्यवस्था बताया गया था। श्रीबाबू के इन प्रयासों ने बिहार को एक नई दिशा और पहचान दी।