पटना: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के बीच आर्थिक अपराध इकाई (EOU) की विशेष यूनिट ने सोशल मीडिया पर निगरानी तेज कर दी है। यूनिट ने अब तक 184 आपत्तिजनक और सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने वाले पोस्ट व अकाउंट्स की पहचान की है। इनमें मुजफ्फरपुर जिले के 4 हैंडल्स भी शामिल हैं।
EOU के मुताबिक, आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद कुछ सोशल मीडिया यूजर्स द्वारा सांप्रदायिकता फैलाने और मतदाताओं को प्रभावित करने की कोशिश की जा रही थी।
67 लिंक और 25 हैंडल पर दर्ज हुई 21 एफआईआर
ईओयू के डीआईजी मानवजीत सिंह ढिल्लो ने बताया कि चिन्हित कंटेंट पर कड़ी कार्रवाई की जा रही है।
“अब तक 67 लिंक और 25 सोशल मीडिया हैंडल्स के खिलाफ 21 एफआईआर दर्ज की गई हैं। इन सभी पर चुनावी माहौल को भड़काने और समाज में वैमनस्य फैलाने का आरोप है।”
सभी पोस्टों के खिलाफ अवमानना के तहत कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी गई है, और संबंधित यूजर्स की पहचान की जा रही है।
चार यूट्यूब चैनल के खिलाफ आईटी एक्ट के तहत कार्रवाई
EOU की जांच में चार यूट्यूब चैनल ऐसे पाए गए हैं जो लगातार जातीय और धार्मिक आधार पर वोटरों को भड़काने वाले गाने और कंटेंट अपलोड कर रहे थे।
इन चैनलों के खिलाफ आईटी एक्ट की धारा 69 के तहत कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
“इन चैनलों का इस्तेमाल चुनाव को प्रभावित करने और मतदाताओं के बीच डर का माहौल बनाने के लिए किया जा रहा था,” डीआईजी ढिल्लो ने कहा।
फेक न्यूज और एआई जेनरेटेड वीडियो पर सख्ती
EOU ने बताया कि अब तक 17 एआई-जनरेटेड फेक वीडियो लिंक को टेक-डाउन कर इंटरनेट से हटाया गया है।
इसके अलावा, दो यूट्यूब चैनल बार-बार फेक न्यूज पोस्ट करते पाए गए, जिनके खिलाफ केंद्रीय आईटी मंत्रालय को ब्लॉक करने का प्रस्ताव भेजा गया है।
40 सोशल प्लेटफॉर्म और 70 प्रोफाइल की पहचान
जांच में यह भी सामने आया है कि
- 40 सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म,
- 28 यूट्यूब चैनल और
- 70 व्यक्तिगत सोशल मीडिया प्रोफाइल
लगातार आपत्तिजनक और भ्रामक कंटेंट साझा कर रहे थे।
इन सभी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ब्लॉकिंग की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।