दिल्ली के लाल किले के पास सोमवार शाम हुए धमाके ने पूरे शहर को दहशत में डाल दिया। चश्मदीदों के मुताबिक विस्फोट इतना भयंकर था कि कुछ ही सेकंड में चारों ओर अफरा-तफरी मच गई। चीख-पुकार के बीच फायर ब्रिगेड, PCR व स्पेशल सेल की टीमें तुरंत मौके पर पहुंचीं। शुरुआती रिपोर्टों के अनुसार अब तक 10 से अधिक लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, जबकि कई घायल अस्पताल में गंभीर हालत में भर्ती हैं। सुरक्षा एजेंसियां धमाके के पीछे किसी आतंकी संगठन या नेटवर्क की भूमिका की जांच कर रही हैं, और इसे एक हाई-प्रोफाइल टेरर केस के रूप में देखा जा रहा है।
दिल्ली की इस घटना का असर बिहार में भी साफ दिख रहा है। राज्य की पुलिस और इंटेलिजेंस एजेंसियां पूरी तरह अलर्ट पर हैं। पटना में सुरक्षा के इंतजाम और सख्त कर दिए गए हैं। कदम कुआं, कोतवाली, मीठापुर जैसे भीड़भाड़ वाले इलाकों में पुलिस की गश्त बढ़ा दी गई है। जगह-जगह बैरिकेड लगाए गए हैं, वाहनों की तलाशी और संदिग्ध लोगों से पूछताछ लगातार चल रही है। कांस्टेबल से लेकर सीनियर अफसर तक सड़क पर सक्रिय हैं, ताकि किसी भी तरह की चूक न हो पाए।
पटना जंक्शन पर GRP और RPF की संयुक्त कार्रवाई लगातार जारी है। बम स्क्वॉड, मेटल डिटेक्टर और ATS की टीमें सतर्क मोड में हैं। यात्रियों के बैग और लगेज की सघन जांच की जा रही है। RPF इंस्पेक्टर शंकर अजय पटेल और GRP थानेदार राजेश सिन्हा खुद स्थिति की निगरानी कर रहे हैं। उनका कहना है कि यह सिर्फ रूटीन जांच नहीं, बल्कि किसी भी संभावित स्लीपर-सेल या संदिग्ध गतिविधि के खिलाफ सुरक्षा कवच है।
पाटलिपुत्र स्टेशन पर भी सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। हर यात्री की हलचल पर नजर रखी जा रही है, CCTV फुटेज की रियल-टाइम मॉनिटरिंग हो रही है और डॉग स्क्वॉड लगातार पेट्रोलिंग कर रहा है। माहौल में एक ओर डर का साया है तो दूसरी ओर सतर्कता का माहौल।
दिल्ली में हुआ धमाका भले वहां तक सीमित हो, लेकिन उसकी गूंज ने बिहार की पुलिस और प्रशासन को पूरी तरह चौकन्ना कर दिया है। फिलहाल पटना में कानून-व्यवस्था अलर्ट मोड में है, जहां किसी भी लापरवाही की कीमत भारी पड़ सकती है।