बिहार में मौसम का मिजाज अब बदलने लगा है। सुबह और शाम के समय ठंड का असर बढ़ गया है, और लोगों को अब सर्दी का एहसास होने लगा है। अचानक गिरते तापमान को देखते हुए आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने सभी जिलाधिकारियों को अलर्ट रहने और शीतलहर व पाला से निपटने की तैयारी के निर्देश दिए हैं।
शीतलहर से निपटने की तैयारी तेज
विभाग ने कहा है कि आने वाले दिनों में शीतलहर का प्रभाव और तेज हो सकता है। इसलिए जिलों में राहत और बचाव के सभी इंतजाम अभी से सुनिश्चित कर लिए जाएं। निर्देशों के अनुसार, अस्पतालों में आवश्यक दवाइयों का स्टॉक, डॉक्टरों की ड्यूटी में आवश्यक परिवर्तन और रोगियों के लिए गर्म वातावरण की व्यवस्था की जाए। साथ ही, शीतलहर से जुड़ी बीमारियों की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग को सतर्क रहने को कहा गया है।
कोहरे और धुंध के दौरान सुरक्षा उपाय
विभाग ने चेताया है कि ठंड के साथ-साथ कोहरा और धुंध भी बढ़ेगा, जिससे यातायात प्रभावित हो सकता है। इसलिए सड़कों पर सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता रखने और ट्रैफिक नियमों का कड़ाई से पालन कराने के निर्देश दिए गए हैं।
रैन बसेरा और अलाव की व्यवस्था
सभी जिलों में बेघर और गरीब लोगों के लिए रैन बसेरा केंद्रों की व्यवस्था करने को कहा गया है, जहां कंबल, गर्म कपड़े और अन्य आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। इसके अलावा, शहरों और ग्रामीण इलाकों में अलाव की व्यवस्था भी सुनिश्चित करने को कहा गया है ताकि कोई भी व्यक्ति ठंड से प्रभावित न हो।
बिजली आपूर्ति और स्वास्थ्य सेवाएं
विभाग ने बिजली विभाग को निर्देश दिया है कि लगातार बिजली आपूर्ति बनी रहे, क्योंकि इससे घरों का तापमान नियंत्रित रहता है और स्वास्थ्य सेवाओं में भी सुविधा मिलती है।
मौसम विभाग का अनुमान
मौसम विभाग के अनुसार, नवंबर के आखिरी सप्ताह और दिसंबर की शुरुआत में बिहार के कई हिस्सों में तापमान 10 डिग्री सेल्सियस से नीचे जा सकता है। हवा में नमी बढ़ने के कारण प्रदूषण का स्तर भी बढ़ने की आशंका है। वर्तमान में राज्य के अधिकांश जिलों में रात का तापमान 11 से 12 डिग्री सेल्सियस के बीच बना हुआ है।
प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे जरूरतमंदों की मदद करें, बिना वजह देर रात घर से बाहर निकलने से बचें, और ठंड से बचाव के लिए आवश्यक सावधानियां बरतें।