आठवीं बार सुरक्षा परिषद का अस्थायी सदस्य बना भारत, पीएम ने कहा- वैश्विक शांति और सुरक्षा को देंगे बढ़ावा

Sanjeev Shrivastava


पटना डेस्क

भारत को गुरुवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के अस्थायी सदस्य के रूप में चुना गया। यह 8वीं बार है, जब भारत यूएनएससी का अस्थायी सदस्य बना है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत के चुने जाने पर खुशी जताई है। पीएम ने कहा है कि भारत वैश्विक शांति और सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए काम करेगा। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की सदस्यता के लिए वैश्विक समुदाय द्वारा दिखाए गए भारी समर्थन के लिए दिल से आभारी हूं। भारत वैश्विक शांति, सुरक्षा, लचीलापन और एकता को बढ़ावा देने के लिए सभी सदस्य देशों के साथ काम करेगा।’ वहीं संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के चुनाव में भारत को भारी समर्थन हासिल हुआ है और देश बहुपक्षीय प्रणाली को बेहतर बनाने के लिए नेतृत्व देता रहेगा और नया मार्ग प्रशस्त करेगा।

चुनाव परिणाम की घोषणा के बाद तिरुमूर्ति ने एक वीडियो संदेश जारी किया, जिसमें कहा, ‘मुझे बहुत खुशी है कि भारत 2021-22 के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के अस्थायी सदस्य के तौर पर चुना गया है। हमें भारी समर्थन हासिल हुआ और संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देशों ने भारत पर जो भरोसा जताया है उससे मैं अभीभूत हूं।’

बता दें कि भारत को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के चुनावों में निर्विरोध अस्थायी सदस्य चुन लिया गया है। अब भारत 2021-22 के लिए इस सर्वोच्च संस्था का अस्थायी सदस्य बन गया है। यह 8वीं बार है जब भारत यूएनएससी के अस्थायी सदस्य लिए चुना गया है। भारत को इस चुनाव में 192 में से 184 वोट मिले। वहीं भारत की इस कामयाबी पर चिढ़े पाकिस्तान ने कहा कि सुरक्षा परिषद में नई दिल्ली की अस्थायी सदस्यता हमारे लिए चिंता की बात है। रिपोर्ट के मुताबिक, कोविड-19 से संबंधित पाबंदियों के कारण संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में मतदान के विशेष इंतजाम किए गए थे। भारत का अस्थायी सदस्य के तौर पर 15 देशों की सुरक्षा परिषद में शामिल होना लगभग तय था। भारत 2021-22 कार्यकाल के लिए एशिया-प्रशांत श्रेणी से अस्थायी सदस्य रहेगा। भारत की जीत इसलिए भी तय मानी जा रही थी क्योंकि वह समूह की इस इकलौती सीट के लिए एकमात्र उम्मीदवार था। 

पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा, भारत हमेशा इस मंच से उठाए जाने वाले प्रस्तावों को खारिज करता रहा है, खासकर कश्मीर जैसे मुद्दों को। कश्मीरियों को उनके हक नहीं दिए गए और उनका दमन जारी है। कुरैशी ने कहा, भारत के अस्थायी सदस्य बनने से कोई आसमान नहीं फट पड़ेगा। पाकिस्तान भी सात बार अस्थायी सदस्य रह चुका है। बता दें कि 193 सदस्यीय संयुक्त राष्ट्र आमसभा में असेंबली के 75वें सत्र के लिए अध्यक्ष, सुरक्षा परिषद के पांच अस्थायी सदस्यों और आर्थिक व सामाजिक परिषद के सदस्यों का चुनाव किया जाना है।

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