NEWSPR डेस्क। बिहार के दरभंगा जिले से एक बड़ी खबर निकल कर सामने आ रही है जहाँ स्नातक चुनाव 2020 में पैसे का खेल शुरू हो गया हैं. दिलीप चौधरी पर एमएसयू के छात्रों ने वोटर को लुभाने के लिए 500 रुपए का बंद लिफाफा में पहुंचाने का आरोप लगाया है.
इस बीच दिलीप चैधरी के बंद लिफाफा का फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. जिसमें कहा जा रहा हैं कि वोटर को लुभाने के लिए बंद लिफाफा में उनके क्रम संख्या पर वोट का पर्ची साथ में 500 रुपए दिया जा रहा हैं. इस संबंध में एमएसयू ने चुनाव आयोग को ज्ञापन सौंपकर कारवाई करने की मांग कर रहा है.
संगठन के ही कुछ सदस्य के घर पर जब यह बंद लिफाफा पंहुचा तो खबर आग की तरह फैल गया. इस तरह से खुलेआम वोटर को पैसा पहुंचाना लोकतंत्र की हत्या नहीं तो और क्या है. वर्षों से वंशवाद और परिवारवाद से घिरे स्नातक चुनाव में रजनीकांत पाठक के समर्थन से विरोधियों को होश ठिकाने आ गया है. जिससे अब वोटरों को पैसा देकर मनाने की कोशिश की जा रही हैं. वर्षों से चंद रुपया में चुनाव जीत कर ऐसे लोग सिर्फ हमें ठगने का काम कर रहे हैं.
नव संकल्प नव विकल्प के साथ इस बार एमएसयू और मिथिलावादी समर्थक रजनीकांत पाठक के एंर्टी से मिथिला विरोधी लोगों को काफी नुकसान हो रहा हैं जिस कारण ऐसे लोगों ने आज अपना जमीर बेचते हुए वोटो का सौदा कर रहे हैं, लेकिन दिलीप चैधरी ये भूल गए कि अब जमाना बदल गया है। 500 रुपए में लोगों के जमीर को नहीं खरीदा जा सकता है। यह पढ़े-लिखें लोगों का चुनाव है अब उन्हें अच्छे से मालूम है कौन सही हैं-कौन गलत है।