राज्यसभा चुनाव: मध्य प्रदेश में ज्योतिरादित्य सिंधिया व दिग्विजय सिंह की जीत, पहली बार राज्यसभा जायेंगे सिंधिया

Sanjeev Shrivastava

पटना डेस्क
भोपाल: एमपी में राज्यसभा चुनाव के लिए सुबह नौ बजे से शुरू हुई वोटिंग के नतीजे आ गये हैं। नतीजे बीजेपी के पक्ष में हैं। बीजेपी के दोनों उम्मीदवारों ने चुनाव में जीत हासिल की है। कुल 206 विधायकों ने इस चुनाव में अपने मत का प्रयोग किया है। वहीं, कांग्रेस के सिर्फ एक उम्मीदवार को चुनाव में जीत मिली है। फूल सिंह बरैया चुनाव हार गए हैं। चुनाव नतीजों के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया पहली बार राज्यसभा जाएंगे। कांग्रेस छोड़ कर आने के बाद बीजेपी ने उन्हें राज्यसभा का टिकट दिया था। बीजेपी को चुनाव में दो वोट का नुकसान हुआ है। एक विधायक ने क्रॉस वोटिंग की और दूसरे का वोट निरस्त हो गया।

बताया जा रहा है कि सीएम शिवराज सिंह चौहान की सटीक रणनीति से कांग्रेस को हार मिली है। कांग्रेस के 22 विधायकों के इस्तीफे के बाद प्रदेश में समीकरण बिगड़ गया था। उसके बाद से ही साफ हो गया था कि राज्यसभा की तीन में से दो सीटें बीजेपी के खाते में जाएगी। राज्यसभा चुनाव जीतने के लिए एमपी में एक उम्मीदवार को 52 वोट चाहिए थे। बीजेपी के पास अपने 107 विधायक हैं, ऐसे में दोनों उम्मीदवारों की जीत पहले से सुनिश्चित थी।

ज्योतिरादित्य सिंधिया को 56, दिग्विजय सिंह को 57, सुमेर सिंह को 55, फूल सिंह बरैया को 36 और दो वोट रद्द हुए हैं। कांग्रेस ने भी राज्यसभा में दो उम्मीदवार उतारे थे। वरीयता वाली सीट से दिग्विजय सिंह थे और दूसरी सीट पर फूल सिंह बरैया थे। विधायकों की संख्या कम होने की वजह से सिर्फ दिग्विजय सिंह की ही जीत हुई है। दिग्विजय सिंह दूसरी बार राज्य सभा जा रहे हैं। वर्तमान चुनाव के लिए उनकी सीट ही खाली हुई थी।

दरअसल, अप्रैल में 2019 में एमपी में राज्यसभा की तीन सीटें खाली हुई थीं। तीन में से दो सीटें बीजेपी की थीं। लेकिन कमलनाथ की सरकार रहते हुए, बीजेपी के लिए दोनों सीट निकलना मुश्किल था। बीजेपी की ओर से प्रभात झा और सत्यनारायण जटिया की सीट खाली हुई थी। वहीं, कांग्रेस की तरफ से दिग्विजय सिंह की सीट खाली हुई थी। बीजेपी ने इस बार अपने दोनों ही उम्मीदवारों को रिपीट नहीं किया।

राज्यसभा के लिए सुमेर सिंह सोलंकी का नाम एमपी के लोगों के लिए चौंकाने वाला था। सोलंकी पेशे से प्रोफेसर हैं। जब उनके नाम की घोषणा हुई थी, तब वह सरकारी कॉलेज में कार्यरत थे। नाम की घोषणा के बाद उन्होंने सरकारी सेवा से इस्तीफा दे दिया। उसके बाद नामांकन किया। सुमेर सिंह सोलंकी पूर्व सांसद माकन सिंह के भतीजे हैं। साथ ही वह संघ से जुड़े रहे हैं। साथ ही सोलंकी अनुसूचित जाति से आते हैं।

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