NEWSPR डेस्क। मुंगेर प्रतिमा विसर्जन का मामला अभी शांत नहीं होने वाला है। इस कांड में पुलिसिया कार्रवाई कई सवाल पैदा कर रही है। पुलिस के लाठीचार्ज से लेकर फायरिंग में घायलों और मृतकों का मामला तूल पकड़ रहा है। चुनावी माहौल में इस तरह की कार्रवाई, पुलिस के क्रियाकलापों पर सवाल खड़े कर ही रही है, सवाल मुंगेर की पुलिस कप्तान लिपि सिंह पर उठ रहे हैं.
वैसे भी लिपि सिंह अपने पुलिसिया अभियानों की वजह से अक्सर सुर्खियों में रही हैं। उनके पिता आरसीपी सिंह राज्यसभा सांसद और सीएम नीतीश कुमार के बेहद करीबी लोगों में से एक हैं। मुंगेर में पहले चरण में चुनाव है और ऐसे में यह घटना पुलिस की नाकामियों की पोल खोल रहा है।
अब मुंगेर एसपी लिपि सिंह के बारे में जान लेते हैं। कहीं भी चुनाव होता है तो, वैसे अधिकारी जो चुनावी प्रक्रिया से जुड़े होते हैं और नेताओं के रिश्तेदार हैं, उनको हटा दिया जाता है। बिहार के सत्तारुढ दल जदयू के कद्दावर नेता आरसीपी सिंह की बेटी लिपि सिंह आईपीएस हैं और उन्हे मुंगेर का एसपी रहने दिया गया है। जबसे वो आईपीएस बनी हैं तब से, ट्रेनिंग से लेकर पोस्टिंग तक वो अपने पिता आरसीपी सिंह के आसपास ही रही हैं और आरसीपी सिंह पटना में रहते हैं।
लिपि सिंह के पति सुहर्ष भगत भी आईएएस हैं और फिलहाल बांका के जिलाधिकारी हैं। दोनों पति-पत्नी को चुनाव के काम में लगाया गया है, ये जानते हुए भी कि दोनों आरसीपी सिंह के रिशतेदार और नीतीश कुमार के करीबी हैं।
लिपि सिंह पिछले साल चर्चा में तब आई थीं जब उन्होंने मोकामा के बाहुबली और निर्दलीय विधायक अनंत सिंह के खिलाफ कार्रवाई शुरू की और उन्हें जेल की सलाखों के पीछे पहुंचा दिया। गौरतलब है कि बाहुबली विधायक के लदमा गांव में स्थित घर से एक एके-47 बरामद की गई थी।
इसके बाद पुलिस ने कार्रवाई करते हुए अनंत सिंह को जेल की सलाखों के पीछे पहुंचा दिया था। उस समय अनंत सिंह ने आरोप लगाया था कि आरसीपी सिंह के इशारों पर लिपि सिंह ने उनपर कार्रवाई की है। इस कार्रवाई के बाद ही बिहार सरकार ने लिपि सिंह को एएसपी से पदोन्नत कर मुंगेर का पुलिस कप्तान बना दिया।
इस घटना के बाद मुंगेर एसपी लिपि सिंह पर कार्रवाई की मांग होने लगी है। भाकपा-माले महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य ने आरोप लगाया है कि बिहार पुलिस पूरी तरह से बेलगाम हो चुकी है। लगातार बर्बर पुलिसिया दमन इस सरकार की पहचान बन गई है।
उन्होंने मुंगेर एसपी लिपि सिंह और अन्य दोषी पुलिस अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने कहा – इस सरकार ने शिक्षकों से लेकर हर तबके के आंदोलनों को बर्बर पुलिसिया दमन के जरिए कुचलने का ही काम किया है। सड़क की मांग कर रहे फारबिसगंज गोलीकांड जैसी बर्बरता को कभी भुलाया नहीं जा सकता है।