NEWSPR डेस्क। विधानसभा चुनाव का अंतिम चरण के मतदान के पहले और इसके बाद तनाव की स्थिति पैदा की जा सकती है. इसके लिए कई तरह के अफवाहों का भी सहारा लिया जा सकता है और इन्हें फैलाने का माध्यम सोशल मीडिया मुख्य रूप से हो सकता है. इस मसले को लेकर खुफिया एजेंसियों ने राज्य सरकार खासकर पुलिस महकमा को अलर्ट जारी किया है.
इसमें यह भी कहा गया है कि चुनाव को देखते हुए सभी सीमावर्ती जिलों में खासतौर से चौकसी बढ़ायी जाये. खासकर पुलिस महकमा के साइबर यूनिट को विशेष सजग रहने को कहा गया है.
इसके रोकथाम में राज्य के सभी थाना स्तर पर गठित साइबर सेनानी ग्रुप की भूमिका भी बेहद अहम बतायी गयी है. हर तरह के संवेदनशील पोस्ट खासकर धार्मिक या जाति विशेष से जुड़े पोस्ट या मैसेज पर खासतौर से नजर रखने को कहा गया है. किसी भी आपत्तिजनक मैसेज या पोस्ट को तुरंत ब्लॉक कर संबंधित व्यक्ति पर तुरंत कार्रवाई करने का सुझाव भी दिया गया है. ताकि मुंगेर जैसी घटना के बाद अगले दिन वाला हंगामा अन्य किसी स्थान पर नहीं हो.
इस विशेष रिपोर्ट में जारी अलर्ट पूरे बिहार के लिए है और चुनाव बाद भी इस तरह की घटना कहीं भी होने की आशंका जतायी गयी है. इसमें कुछ आतंकी संगठनों और कुछ उपद्रवी संगठन से जुड़े लोगों की सक्रियता बेहद तेज होने की बात भी कही गयी है.
संवेदनशील इलाकों में सोशल मीडिया पर प्रसारित होने वाले सभी मैसेज पर विशेषतौर पर नजर रखने के लिए कहा गया है. कुछ स्लीपर सेल या आतंकी संगठनों के समर्थकों या इस तरह की विचारधारा वाले लोगों को लेकर भी अलर्ट किया गया है. सभी जिलों को ऐसे लोगों की पहचान कर कार्रवाई करने की बात कही गयी है. ताकि किसी उपद्रव की स्थिति को पहले से ही नियंत्रित किया जा सके.
फिलहाल इस विशेष खुफिया रिपोर्ट पर कोई आला अधिकारी आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कह रहे हैं. परंतु इस तरह की चौकसी बरतने की बात से भी इंकार नहीं कर रहे हैं. अधिकारी बताते हैं कि सभी जिलों इस तरह की किसी आशंका या घटना से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार रहने का आदेश दिया गया है. मुंगेर में अगले दिन हुए उपद्रव के बाद सभी जिलों को विशेष चौकसी बरतने की सख्त हिदायत दी गयी है.