राजधानी की हवा हुई खतरनाक, नगर निगम के सारे दाबे हुए फेल, सड़कों पर नहीं किया जा रहा है पानी का छिड़काव

Sanjeev Shrivastava

NEWSPR डेस्क। एक बार फिर लॉकडाउन के बाद पटना की हवा खतरनाक हो गई है। राजधानी पटना का वायु गुणवत्ता सूचकांक अधिकतम 500 तक पहुंच गया है। हालांकि औसत सूचकांक 288 है। यानी एक तरह से कहा जाए तो पटना में शाम की हवा ज्यादा प्रदूषित हो गई है।

आपको बता दें कि पटना की हवा में धूलकण की मात्रा ज्यादा हो गई है। जिसका असर सीधे स्वास्थ्य पर भी पड़ेगा। दिवाली तक वायु प्रदूषण और बढ़ने की आशंका जताई जा रही है। वायु प्रदूषण बढ़ने का प्रमुख कारण शहर में फैली गंदगी, खुले में निर्माण, सड़क खोदकर छोड़ देना है।

इससे धूलकण हवा में फैलने लगे हैं। शहर में सबसे पहले चिड़ियाघर के आस-पास का वायु प्रदूषण खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है। दूसरे स्थान पर तारामंडल परिसर का इलाका है। नगर निगम की ओर से पानी का छिड़काव की भी कोई व्यवस्था फिलहाल नहीं दिख रही है।

तारामंडल परिसर में लगे वायु गुणवत्ता निगरानी स्टेशन से प्राप्त शाम आठ बजे के आकड़े के मुताबिक इस इलाके में पीएम 2.5 यानी महीन धूलकण का अधिकतम सूचकांक 475 पहुंच गया है। वहीं, चिड़ियाघर के आस-पास अधिकतम सूचकांक 500 पहुंचा और राजवंशी नगर में अधिकतम 369 हो गया है।

हालांकि, इन तीनों स्थलों का औसत सूचकांक की बात करें तो तारामंडल के पास 374, राजवंशी नगर में 369 और चिड़ियाघर के पास 275 पाया गया है। वहीं पीएम 10 यानी मोटे धूलकण की मात्रा भी काफी बढ़ गई है। पटना एम्स के डॉ. ने बताया कि प्रदूषण बढ़ने का सबसे ज्यादा असर सांस और अस्थमा के रोगियों पर पड़गा। ऐसे लोगों को सलाह दी जाती है कि वे सुबह और शाम में घर से निकलने से बचें।

Share This Article