NEWS PR DESK – बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए को बहुमत मिल गया है और राजद बड़ी पार्टी बनकर उभरी है इसी बीच एनडीए से बगावत कर एक पार्टी ऐसा भी था जिस पर सभी की नजरें टिकी हुई थी कि किस तरीके से प्रदर्शन यह पार्टी करेगी
वह पार्टी लोजपा चिराग पासवान के अगुवाई में लोजपा ने महज एक सीट पर ही सफलता पाई है और इस चुनाव में पार्टी वह कमाल नहीं कर पाई जिसका दावा चिराग पासवान कर रहे थे लोजपा के गठन के बाद से अब तक कि उसकी सबसे बड़ी हार 2020 के विधानसभा चुनाव में हुई है.
लोजपा के कुल उम्मीदवार 135 मैदान में उतरे थे और सिर्फ एक सीट पर ही विजय हासिल हुआ
लोजपा के इतिहास के आंकड़ों पर गौर करें तो यह चुनाव लोजपा के लिए सबसे बुरा साबित हुआ है या यूं कहें कि ऐसी करारी हार लोजपा को कभी नहीं मिली थी गठन के बाद से सबसे अधिक 29 सीट लोजपा को साल 2015 के फरवरी में हुए चुनाव में प्राप्त हुई थी 2000 में लोजपा की स्थापना पूर्व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने की थी
पार्टी का चुनावों में प्रदर्शन :
वर्ष लड़ी वोट प्रतिशत सीटें मिलीं
2005 (फरवरी) : 178 12.62 29
2005 (अक्टूबर) : 203 11.10 10
2010 : 75 6.74 03
2015 : 42 4.80 02
2020 : 135 5.66 01