गलवान घाटी की घटना के बाद सेना ने बदले नियम, लैक पर हथियार ले जा सकेंगे जवान

Sanjeev Shrivastava

पटना डेस्क

नई दिल्लीः लद्दाख के गलवान घाटी में घटना के बाद सेना ने LAC पर होने वाले ऐसे टकरावों के मद्देनजर नियमों में बदलाव किया है। नए नियम के अनुसार अब फील्ड कमांडर ही ‘असाधारण’ परिस्थितियों में आग्नेयास्त्रों के उपयोग को मंजूरी दे सकेंगे। इससे पहले सीमा पर हथियारों के इस्तेमाल की अनुमति नहीं थी।

1996 और 2005 में चीन की सेना के साथ हुआ था समझौता

भारत और चीन की सेनाओं के बीच 1996 और 2005 में समझौते हुआ था, जिसके अनुसार टकराव के दौरान उस समय दोनों देशों ने एलएसी के दोनों ओर दो किलोमीटर के भीतर विस्फोटकों या आग्नेयास्त्रों का उपयोग नहीं करने पर भी सहमति व्यक्त की थी। अब इसी दशकों पुराने नियमों में बदलाव किया गया है। अब ‘असाधारण’ परिस्थितियों में लैक पर हथियारों का प्रयोग किया जा सकेगा।

बता दें कि 15 जून की शाम को बिहार रेजिमेंट के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल संतोष बाबू ने चीन के कमांडिंग ऑफिसर से समझौते का पालन करने को कहा और गलवान नदी के पास जगह को खाली करने को कहा। इस पर चीनी सेना का बर्ताव बहुत ही आक्रामक था। उन्होंने फौरन भारी संख्या में हमला बोल दिया और पत्थरबाजी शुरू कर दी और आयरन रॉड से मारना शुरू कर दिया। इस दौरान चीनी सैनिकों के डंडे पर बंधे कटीली तारों का भी इस्तेमाल किया, जिसमें कर्नल समेत सेना के 20 जवानों की जान चली गई।

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