जब दीयों से हो सकता है उजियारा तो क्यों ले हम चाइनीज लाइटों का सहारा, दूसरों के घर रोशन करने वाले कुम्हार, खुद हो रहे है परेशान, देखिये- विक्रांत की EXCLUSIVE रिपोर्ट सिर्फ NEWSPR पर

Sanjeev Shrivastava

NEWSPR डेस्क। इस वर्ष कोविड-19 के कारण सभी त्योहारों का मजा किरकिरा हो गया है. वहीं इस वर्ष दीपावली के त्योहार पर भी लोगों में उत्साह काफी कम देखने को मिल रही है. इसके साथ ही पवित्र दीयों को बनाने वाले कुम्हारों की बिक्री भी ठप हो गई है. कहते हैं ‘जब दीयों से हो सकता है उजियारा तो क्यों ले हम चाइनीज लाइटों का सहारा’ लेकिन राजधानी पटना में इसका उल्टा असर देखने को मिल रहा है. जिले में दीपावली के त्योहार पर मिट्टी के दीये की मांग न होने के कारण पटना के कुम्हार परेशान हो गए हैं. बाजारों में चाइनीज लाइट की मांग बढ़ गई है, जिससे कुम्हारों की बिक्री न के बराबर हो गई है.

प्रकाश के पर्व दीपावली में सिर्फ एक दिन ही बचा हुआ हैं. दीपावली को रौशनी और दीयों का त्यौहार कहा जाता है. इस दिन हर तरफ दीये, कैंडल और रंग-बिरंगी लाइटों की जगमगाहट देखने को मिलती है. हर साल दीपावली के समय मिट्टी के दीये की काफी डिमांड होती है, लेकिन इस बार इसकी डिमांड फिकी पड़ गई है. इससे दीये बनाने वाले कुम्हार काफी निराश हैं. अधिकांश कुम्हार दीये की जगह मिट्टी के कुल्हड़ बनाते नजर आ रहे हैं.

NEWSPR के रिपोर्ट– कुम्हार के सपने हुए चकना चूरकोरोना के चलते हुए लॉकडाउन ने मिट्‌टी बर्तन बनाने वाले कारीगरों के सपनों को भी चकनाचूर कर दिया है. कु्म्हार मिट्टी की बर्तन बनाकर रखे हुए हैं, लेकिन बिक्री न होने की वजह से खाने के भी लाले पड़ गए हैं. पटना के कई इलाकों में कुम्हारों ने दीपावली आते ही दिए बनाने तो शुरू कर दिए हैं, लेकिन मिट्टी के दीये की मांग कम होते देख कुम्हार वर्ग काफी चिंतित है.

इस साल कोरोना महामारी ने हर वर्ग के लोगों को काफी प्रभावित किया है. वहीं कुम्हार वर्ग भी काफी प्रभावित हुए हैं. इस साल कोरोना के वजह से दशहरा में भी मूर्तिया नहीं बन पाई है. चारों ओर बाजारों में चाइनीज दिये और लाइटों की मांग बढ़ गई है. दीयों की बिक्री न होने से कुम्हार हुए परेशान। धनतेरस दीपावली या छठ के पर्व में मिट्टी के दीए का अलग ही महत्व है ऐसा माना जाता है कि शुद्ध और पवित्र मिट्टी के दिए होते हैं.

इसके साथ ही पूजा के कामों में भी इसका उपयोग किया जाता है यहां तक कि दीपावली में घर की सजावट के लिए लोग पहले दिए का उपयोग करते थे. चाइनीस लाइटों की बढ़ी मांग दीये के कुम्हार और व्यापारी का कहना है कि पिछले साल से इस साल काफी कम बिक्री है. कोरोना के कारण बाजारों में लोगों का आना कम हो गया है. वहीं दूसरी ओर चाइनीज लाइट और दिए के कारण मिट्टी के दिये की मांग अब धीरे-धीरे कम होती जा रही है, जिसके कारण लोग मिट्टी के दीये खरीदते भी नहीं है.

 

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