NEWSPR DESK: राजधानी पटना के बुद्ध स्मारक पार्क के पास विभिन्न जन संगठनों ने किसानों पर लाठी चार्ज के खिलाफ प्रतिरोध प्रदर्शन कार्यक्रम आयोजित किया गया. जिसे संबोधित करते हुए प्रदर्शनकारियों ने कहा कि भाजपा की नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्रीय सरकार द्वारा देश के किसानों, खेत मजदूरों की जिंदगी को तबाह एवं कारपोरेट पूंजी पतियों को मालामाल करने के इरादे से कृषि कानूनों में संशोधन कर नया कानून बना दिया है. यह कानून किसानों को गुलाम बनाने, खेत, खेती पर पूंजीपतियों का कब्जा होगा.
किसानों के फसल का लूट बढ़ेगा:
सरकारी मंडी (खरीद) समाप्त होने से किसानों के फसल का लूट बढ़ेगा. आम गरीबों को मिल रहा खाद्य सुरक्षा प्रभावित होगा. खेत, मजदूरों को रोजगार पर बुरा प्रभाव पड़ेगा. किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य नहीं मिल पाएगा. किसान महीनों से नए जन विरोधी कानून के खिलाफ संघर्षरत हैं. सरकार हठधर्मिता के साथ किसानों के आवाज सुनने को तैयार नहीं है. परिणाम स्वरूप किसान नए कृषि कानून के वापसी से बिजली बिल के वापसी से तथा न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम पर किसानों का पैदावार के खरीद नहीं हो सके. उसके लिए कानून बनाने, जमाखोरी को समाप्त करने के लिए पंजाब हरियाणा सहित देश के अलग-अलग हिस्सों में किसान दिल्ली पहुंच रहे हैं.
सीपीएम विधायक अजय कुमार, सतेंद्र यादव ने विरोध प्रकट किया:
मोदी सरकार किसानों के जथ्यों का रास्तों में जगह-जगह अवरोध खड़ा करने के साथ ही साथ कट्टर कैनन, टियर गैस एवं लाठियों से हमला कर दिल्ली पहुंचने से रोकने का हर संभव प्रयास कर रही है. सीटू के राज्य महासचिव गणेश शंकर सिंह, खेतिहर मजदूर यूनियन के राज्य महासचिव भोला प्रसाद दिवाकर, डीवाईएफआई के राज्य अध्यक्ष मनोज कुमार चंद्रवंशी, कर्मचारी महासंघ के राज्य अध्यक्ष विश्वनाथ सिंह, सीटू के राज्य उपाध्यक्ष अरुण मिश्रा, संजय चटर्जी, किसान सभा के रास बिहारी सिंह, एस एफ आई के दीपक कुमार के अलावा राजकुमार,किशोर, सुमन सहित अन्य मौजूद थे. विधानसभा के अंदर और बाहर भी सीपीएम विधायक अजय कुमार, सतेंद्र यादव ने विरोध प्रकट किया.