NEWSPR डेस्क। पटना साल का अंतिम चंद्र ग्रहण कार्तिक पूर्णिमा को सोमवार को है। चंद्र अपराह्न 1:04 बजे से आरंभ होकर शाम 5:22 बजे तक रहेगा। पटना में यह शाम पांच बजे से 5:22 बजे तक दिखाई देगा। बिहार में छाया चंद्रग्रहण होने के कारण इसका न तो सूतक काल होगा, न ही कोई धार्मिक प्रभाव पड़ेगा। सोमवार को कार्तिक पूर्णिमा होने के कारण यह दिन और खास बन गया है। हालांकि, कोरोना संक्रमण के कारण कार्तिक पूर्णिमा के दिन नदियों में स्नान को लेकर बंदिशें लगाईं गईं हैं।
चंद्र ग्रहण कुल 04 घंटे 18 मिनट और 11 सेकंड तक रहेगा। यह अपराह्न 3:13 बजे अपने चरम पर रहेगा। यह चंद्र ग्रहण भारत के अलावा अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, प्रशांत महासागर और एशिया में दिखाई दे सकता है। भारत में यह बिहार, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड एवं पश्चिम बंगाल में दिखाई देगा।
क्या है उपछाया चंद्र ग्रहण, जानिए
जब चांद और सूर्य के बीच में ओकर पृथ्वी सूर्य के प्रकाश को चांद तक पहुंचने से रोक देती है तो उसे चंद्रग्रहण कहते हैं। इस दौरान चांद पृथ्वी की छाया में चला जाता है। लेकिन जब चांद पृथ्वी की वास्तविक छाया पर नही पहुंच उसकी उपछाया से ही लौट जाता है, जब इसे उपछाया चंद्रग्रहण कहते हैं। इस स्थिति में चांद पर धुंधली परत भी बन जाती है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार ऐसे ग्रहण के दौरान सूतक काल नहीं पड़ता. आमतौर पर ऐसे ग्रहण नंगी आंखों से नहीं दिख पाते हैं.