NEWSPR डेस्क। बेनीपट्टी प्रखंड की बररी पंचायत में महाभारतकालीन स्थल है जो आज भी विकास से कोसों दूर है। स्थानीय बररी गांव में स्थित बाणेश्वर स्थान का उल्लेख महाभारत में मिलता है। स्थानीय लोग इस स्थल के विकास की मांग वर्षों से करते आ रहे हैं। लोगों की मांग है कि इस स्थल को पर्यटन की दृष्टि से विकसित किया जाए, ताकि क्षेत्र के विकास के साथ ही इस ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व के स्थल का संरक्षण संभव हो सके। अनुमंडल मुख्यालय से इस स्थल की दूरी महज 22 किलोमीटर है। यहां बाणेश्वर महादेव स्थान व सरोवर आज भी विद्यमान हैं जो हमें महाभारत काल की यादें ताजी करते हैं।
यह है पौराणिक इतिहास
ऐसी मान्यता है कि महाभारत काल में अज्ञातवास के दौरान पांचों पाण्डव बाणेश्वरनाथ महोदव स्थान बाणगंगा में पूजा-अर्चना के लिए पहुंचे थे। किवदंतियों के अनुसार, उस दौरान अर्जुन ने अपने सिकी वाण से बाणेश्वर स्थान के बगल में गंगा उत्पन्न की थी। बाणेश्वर स्थान में आधे दर्जन से अधिक देवी-देवताओं के मंदिर आज भी विद्यमान हैं जो अतिप्राचीन है। अर्जुन के सीकी बाण से निकले बाणगंगा सरोवर का अस्तित्व आज भी कायम है। यहां श्रद्धालुओं के आने का सिलसिला पूरे साल लगा रहता है। लोगों का कहना है कि बाणेश्वर स्थान में भक्तों को दिव्य अनुभूति व आलौकिक शांति मिलती है।
85 बीघा का विशाल भूखंड
पंडित शिवचंद्र झा, नवोनाथ झा, बररी गांव के रमेशचंद्र मिश्र, संजय मिश्र, विशनपुर गांव के रजनीश कुमार सिंह, शिवनगर गांव के दीपक झा मंटू आदि कहते हैं कि महाभारतकालीन पौराणिक, ऐतिहासिक, धार्मिक स्थल बाणेश्वर महादेव स्थान को विकसित किए जाने की आवश्यकता है। इस स्थान पर सवा पहर बाबा बैद्यनाथ विराजते हैंं। इस स्थान के पास 85 बीघा का विशाल भूखंड है। बाढ़ के दिनों में यह चारों ओर से पानी से घिरकर टापू बना रहता है, लेकिन इस ऐतिहासिक स्थल को विकसित किए जाने व पर्यटन स्थल का दर्जा देने की दिशा में सार्थक पहल नहीं की जा रही है।
शुरू होगी विकास की कवायद : एसडीएम
अनुमंडल पदाधिकारी अशोक कुमार मंडल ने बताया कि बाणेश्वर स्थान को विकसित करने के लिए सरकार को लिखा जाएगा। साथ ही सीओ से ऐतिहासिक स्थल के संबंध में रिपोर्ट मांगी जाएगी।