NEWSPR डेस्क। भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद का आज 36वीं जयंती है. इस मौके पर आज भारत की जनता डॉ. राजेंद्र प्रसाद को याद कर रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, बीजेपी चीफ जेपी नड्डा समेत तमाम लोगों ने डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद को याद किया और उन्हें श्रद्धांजलि दी.
मोतिहारी में भी आज प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेन्द्र प्रसाद जी का जयंती मनाया गया जहां डॉ राजेन्द्र प्रसाद के प्रीतम पर पुष्प माला चढ़या गया। भारत के प्रथम राष्ट्रपति डाॅ राजेन्द्र प्रसाद के जयंती पर शत, शत, नमन एवं विन्रम श्रद्धांजलि, डाॅ राजेन्द्र प्रसाद अत्यंत सौम्य और गंभीर प्रकृति के महान व्यक्ति थे। देश के सभी वर्गों के लोग उन्हें सदैव सम्मान देते थे। वे सभी से प्रसन्न होकर निश्चचल भावना से मिलते थे।
आपको बता दे कि राष्टपति पद पर रहते हुए उनके सामने अनेक बार मतभेदों के विषम प्रसंग आए, लेकिन उन्होंने राष्टपति पद पर प्रतिष्ठित होकर अपनी सीमा निर्धारित कर ली थी। चम्पारण के किसानों को न्याय दिलाने में पूज्य बापू गांधी जी ने जिस कार्यशैली को अपनाया, उसे राजेन्द्र प्रसाद अत्यंत प्रभावित हुए।बिहार में सत्याग्रह का नेतृत्व राजेन्द्र प्रसाद ने किया।
उन्होंने गांधी जी का संदेश बिहार की आम जनता के समक्ष इस तरह प्रस्तुत किया कि वहां की जनता राजेन्द्र प्रसाद को बिहार का गांधी ही कहने लगी।राजेन्द्र बाबू के राष्ट्रपति भवन छोड़ने के साथ ही भारतीय राजनीति से मानो गांधी युग का एक महत्वपूर्ण अध्याय ही समाप्त हो गया था। राजेन्द्र प्रसाद अपनी सम्पूर्ण उर्जा और प्रकाश लेकर सदाकत आश्रम पटना पहुंचे.
बापू के वजह से जो स्थान साबरमती आश्रम को प्राप्त हुआ, वहीं सम्मान राजेन्द्र प्रसाद के वजह से सदाकत आश्रम पटना बिहार को प्राप्त हुआ।डाॅ राजेन्द्र प्रसाद का 28 फरवरी 1963 को पटना के सदाकत आश्रम में निधन हो गया।महान देशभक्त, शील स्वभाव, बौद्धिक प्रखरता, सरलता, नैतिकता, सहृदय, एवं सहज गंभीरता सब बेमिसाल। भारतीयता के सजीव मूर्ति थे डाॅ राजेन्द्र प्रसाद।