राजधानी में चल रहे 32 हजार ऑटाे, 30% में काेड नहीं, घटना काे अंजाम देकर आराम से बच जाते है चालक

Sanjeev Shrivastava

NEWSPR डेस्क। (विक्रांत) राजधानी और आसपास इलाकाें में इन दिनाें करीब 32 हजार ऑटाे चल रहे हैं। इन 32 हजार में करीब 9 हजार ऐसे ऑटाे हैं, जिनमें पुलिस की काेडिंग नहीं हुई है। करीब 5 साल पहले ऑटाे के पीछे चालक व मालिक का नाम, डीएल नंबर व रूट लिखने का काम शुरू हुआ था। 2017 तक चला, फिर बंद हाे गया। तत्कालीन एसएसपी मनु महाराज ने इसे शुरू कराया था।

अभी जितने पुराने ऑटाे सड़क पर चल रहे हैं, उनमें काेडिंग किया हुआ है। सीएनजी और नए ऑटाे में पुलिस का काेडिंग नहीं हाेने की वजह से ऑटाेचालक बेखाैफ हाे गए हैं। बराबर ऑटाे चालक की आड़ में अपराधी बनकर देर रात ऑटाे पर सवार हाेने वाले यात्रियाें काे लूटपाट के साथ गाेली मारकर हत्या कर रहे हैं।

स्प्रे सुंघा कर उनका सामान, नकद लूटकर फरार हाे जाते हैं या फिर नशीला पदार्थ सुंघाकर लूटपाट कर चंपत हाे जाते हैं और पुलिस काे खबर तक मिलती है। पीड़ित या उसके परिजन जब थाना पहुंचते हैं तब इसकी जानकारी मिलती है।

पटना के पूर्व एसएसपी और वर्तमान में मुंगेर के डीआईजी मनु महाराज ने बताया कि ऑटाे में काेडिंग रहने से ऑटाेचालकाें में एक मनाेवैज्ञानिक दबाव बना रहता है। उसे यह पता रहता है कि मालिक का नाम के अलावा चालक का डीएल नंबर ऑटाे पर लिखा है और पुलिस के पास है। बकाैल मनु महाराज, कई रेप, लूट व संगीन वारदात का खुलासा करने में यह काेडिंग काम आया है। देर रात इस तरह के वारदात हाेते हैं। उन्हें ऑटाे पर सवार हाेने से पहले ऑटाे का नंबर जरूर देख लेना चाहिए।

बिहार स्टेट ऑटाे चालक संघ के महासचिव राजकुमार झा ने बताया कि जब काेडिंग का काम शुरू हुआ था तक यह कहा गया था कि पुलिस या वह एजेंसी काेडिंग का काम करेगी जहां से ऑटाे बेचे जाते हैं पर यह तीन साल से नहीं हाे रहा है। पुलिस व एजेंसी की यह लापरवाही है। अगर काेडिंग कर दी जाए ताे ऑटाेचालक की आड़ में जाे अपराधी बनकर वारदात काे अंजाम दे रहे हैं वह रूक जाएगा।

राजकुमार ने कहा कि पुलिस वैसे चालकाें काे गिरफ्तार कर जेल भेजे जाे अपराधिक वारदात में शामिल रहे हैं या रहे थे। चिरैयाटांड पुल पर ऑटाे से अगमकुआं से स्टेशन आ रही डेहरी ऑनसाेन की शिक्षिका शाइकर परवीन की गाेली मार कर हत्या कर दी। उसी ऑटाे में उनके पति इमरान आलम भी थे। उसी ऑटाे में सवार चालक समेत चार अपराधियाें ने घटना काे किया और ऑटाे छाेड़कर माैके से फरार हाे गए।

12 नवंबर काे काेयम्बटूर से हैदराबाद हाेते इंडिगाे की विमान से पटना पहुंचे श्रमिक सत्येंद्र सहनी काे मीठापुर बस स्टैंड के पास ऑटाे चालकाें ने नशीला पदार्थ सुंघा बेहाेश कर दिया। इसके बाद उसके पास से 10 हजार नकद, 10 हजार का माेबाइल और 13 हजार का सामान समेत 40 हजार का संपत्ति लूट ली।

31 अक्टूबर काे सिकंदराबाद से पटना आए जेसीबी चालक धर्मेंद्र कुशवाहा मीठापुर बस स्टैंड छोड़ने के बहाने खेमनीचक बाइपास ले जाकर लूटपाट की। वारदात को अंजाम देने से पहले शातिरों ने नशीला स्प्रे छिड़क कर जेसीबी चालक को बेहोश कर दिया था। धर्मेंद्र पश्चिमी चंपारण के रहने वाले हैं।

  • मई 2020 – पुलिस मुख्यालय में तैनात एक डीएसपी का ऑटो गैंग ने यात्री बनाकर बिठाया और पैकेट काट 60 हजार उड़ा लिया।
  • 23 अक्टूबर 20- मीठापुर बस स्टैंड उतरे मोहनियां के व्यवसायी अफजल अंसारी को यात्री बनाकर ऑटो चालक बिठाया और लूट लिया 20 हजार।
  • सितंबर 20- पटना में तैनात एक डीआईजी के घरेलू कर्मी को यात्री बनाकर बिठाया और जेब काट लिया.
  • जून 20- चंपारण के एक व्यवसायी सुबह सुबह पटना पहुंचे और ऑटो में बैठ गए। जब वे अपने संबंधी के यहां पहुंचे तो पता चला कि उनकी जेब कट चुकी है और एक लाख रुपए गायब है.
  • 29 अगस्त- कोलकाता से पटना आई महिला के साथ ऑटो चालक और अपराधियों ने पिस्टल के बल पर 75 सौ रुपए, मोबाइल और चेन लूट लिया.
  • 27 अगस्त- भागलपुर से पटना आए हातिम को कार में लिफ्ट दिया और लूट लिया 17 हजार.
  • 1 नवंबर- एक जेसीबी चालक को ऑटो चालक और अपराधियों ने खेमनीचक के पास लूट लिया.
  • 28 नवंबर- रोहतास की डेहरी की रहने वाली शिक्षिका को लूट के दौरान मारी गोली.

पटना से विक्रांत की रिपोर्ट…

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