पहले दारू पर एक हजार खर्च होता था, अब ढ़ाई-तीन हजार हो रहा है, कांग्रेस विधायक का सीएम को पत्र- खत्म कीजिये शराबबंदी

Sanjeev Shrivastava

NEWSPR डेस्क। बिहार में अप्रैल 2016 से संमपूर्ण शराब बंदी लागू है लेकिन बिहार में शराब बंदी का क्या आलम है ये जगजाहिर है और विपक्ष भी शराब बंदी को लेकर हमेशा से सवाल उठाता आया है। आज कॉग्रेस विधायक दल के नेता अजीत शर्मा ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को एक पत्र लिखा और बताया कि पहले शराब की जिस परिवार का शराब पर एक हजार रूपये का खर्च होता था, अब उसे उसी शराब के लिए दो-ढ़ाई हजार रूपये खर्च करने पड़ रहे हैं. इससे परिवार की आर्थिक स्थिति चरमरा गयी है. लिहाजा बिहार में शराबबंदी को तत्काल खत्म कर देना चाहिये.

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अप्रैल 2016 में बिहार में शराब बंदी लागु की थी और दावा भी किया था कि शराबबंदी के बाद खास कर गरीब लोगों का पैसा बचेगा और वो अपने परिवार के साथ अच्छे तरीक़े से अपना जीवन यापन करेंगे। लेकिन हुआ इसके ठीक विपरीत और आज के दिन बिहार में शराब की होम डिलीवरी हो रही है इसका नतीजा ये हुआ की जिस परिवार में पहले 1000 रुपये शराब में खर्च होता था वहां अब 3000 होता है.

बिहार में शराबबंदी के बाद यहां एक नये रोजगार का सृजन हुआ है और नये उम्र के लड़के-लड़कियां पढ़ाई लिखाई छोड़ कर शराब की होम डिलेवरी कर रहे हैं. शराबबंदी के फैसले के बाद लगा था कि गरीबों का पैसा बचेगा लेकिन गरीबों का और ज्यादा पैसा खर्च हो रहा है जिससे उनकी आर्थिक स्थिति खराब होती जा रही है. नकली शराब भी बिकने लगी है.

लाइसेंसी दुकानों से शराब नहीं बिकने के कारण नकली शराब की होम डिलेवरी और बिक्री भी हो रही है. बिहार में दर्जनों लोग नकली शराब पीने के कारण मौत के मुंह में समा चुके हैं. आगे और ज्यादा लोगों की मौत की आशंका है.

अब अगर हम राजस्व की बात करें तो बिहार में शराबबंदी के कारण सरकार को हर साल चार-पांच हजार करोड़ रूपये के राजस्व की हानि हो रही है. वहीं अवैध शराब के कारोबारी इस धंधे से इससे दोगुना पैसा कमा रहे हैं. यानि बिहार में अवैध शराब के कारोबारियों के पास दस हजार करोड़ रूपये जा रहा है। अगर ये पैसा माफियाओं की जगह सरकार के पास आता तो निश्चित तौर पे बिहार के विकास में लगाया जाता।

अब जहाँ एक ओर केंद्रीय स्वास्थ्य विभाग के द्वारा जारी रिपोर्ट “जिसमें ये बताया गया है कि आज भी बिहार के 15 प्रतिशत लोग नियमित तौर पर शराब पी रहे हैं” ने नीतीश के शराबबंदी की पोल खोल दी है और अब अजीत शर्मा का पत्र अब देखना सुशासन बाबू शराबबंदी पर कौन सा कदम उठाते हैं ?

पटना से विक्रांत के साथ सुरजीत की रिपोर्ट…

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