NEWSPR का खबर का हुआ असर, 50 हजार के इनामी अपराधी रवि गाेप को जेल से छोड़ने में लापरवाही बरतने पर फुलवारी के जेलर हुए सस्पेंड

Sanjeev Shrivastava

NEWSPR डेस्क। NEWSPR का खबर का हुआ असर 50 हजार के इनामी अपराधी रवि गाेप काे जमानत मिलने के बाद फुलवारी जेल से छाेड़ने में लापरवाही काे लेकर जेलर अरविंद कुमार काे निलंबित कर दिया गया है। जांच के बाद जेल आईजी ने उन्हें सस्पेंड करते हुए अररिया जेल में उसी पद पर भेज दिया। जांच में पाया गया कि अरविंद जमानत प्राप्त बंदियों की रिहाई के समय में एकरूपता नहीं रखते हैं।

जेल से छाेड़ने की कार्रवाई सुबह में कैदियाें की गिनती के बाद होनी चाहिए। लेकिन, कभी सुबह ताे कभी अपराह्न तक छाेड़ा जाता है। रवि काे 9 दिसंबर की सुबह 8 बजे जेल से छाेड़ दिया गया था, जबकि दानापुर एएसपी ने उनसे कहा था कि दानापुर थाने में उस पर हत्या के लिए अपहरण का केस दर्ज है। इसमें वह फरार चल रहा है।

इस केस में रिमांड पर लेने के लिए आवेदन दिया जाएगा। 9 काे 11 बजे तक रिमांड मिल जाएगी, इसलिए रवि काे नहीं छाेड़ें। लेकिन, जेलर ने 9 काे सुबह 8 बजे ही उसे छाेड़ दिया था। रवि के जेल से 50 घंटे के भीतर से जमानत से छूट जाने के बाद पटना पुलिस में हड़कंप मच गया था।

सेंट्रल रेंज आईजी संजय सिंह ने जांच का आदेश सिटी एसपी वेस्ट अशाेक मिश्रा काे दिया था। सिटी एसपी ने जांच करने के बाद इसकी रिपाेर्ट दी पर इसमें किसी भी पुलिसकर्मी या अधिकारी की लापरवाही की बात नहीं थी। बाद में रिपाेर्ट डीएम व कारा विभाग को भेजी गई थी।

सबसे बड़ा सवाल: किसी भी पुलिस अफसर पर क्याें नहीं गिरी गाज?

कारा विभाग ने जेल से रवि काे छाेड़ने में हुई लापरवाही में जेलर काे तो निलंबित कर दिया पर सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या इसमें पुलिस का काेई अधिकारी जिम्मेवार नहीं है? केवल दानापुर एएसपी काे माेबाइल से जेलर काे यह कह देने से कि रवि काे 9 दिसंबर काे सुबह में नहीं छाेड़ना है, उसे रिमांड ले लिया जाएगा। यही उनकी जिम्मेवारी थी। सवाल यह है कि रवि काे दानापुर में दर्ज संगीन आराेप में क्याें नहीं जेल भेजा गया।

पटना से विक्रांत की रिपोर्ट…

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