बैंक में हो रहा था फर्जीवाड़ा, लॉकडाउन में लोगों को घर से बाहर निकलने में थी पाबंधी

Sanjeev Shrivastava

NEWSPR डेस्क। पटना कोटक महिंद्रा बैंक में फर्जी डॉक्यूमेंट जमा कर एनएचएआई के खाते से पैसे निकासी का खेल कई महीनों से चल रहा था। लॉकडाउन के समय जब पब्लिक घरों में बंद थी तब भी फर्जीवाड़ा हुआ और जब राज्य में चुनाव चल रहा था तब भी शातिरों ने जालसाजी की वही 8 दिसंबर 20 का NHAI का एक कवरिंग लेटर पुलिस को मिला है जिसमें लिखा हुआ है कि हमारे स्टाफ चुनाव में व्यस्त हैं आप आरटीजीएस कर दें।

पुलिस को बैंककर्मी ने बताया कि नवंबर तक की जांच हो गई है और 28 करोड़ के आसपास का फर्जी RTGS हुआ है। जबकि सूत्रों की मानें तो कोटक महिंद्रा बैंक में नवंबर के पहले से ही फर्जीवाड़ा चल रहा था। नवंबर और दिसंबर में मोटी रकम का RTGS हुआ है। इस खेल में एग्जीबिशन रोड के कई बैंककर्मी शामिल हैं। सिर्फ नवंबर और दिसंबर में 10 करोड़ से अधिक का फर्जी RTGS विभिन्न खातों में हुआ है।

उपलब्ध कागजातों की माने तो सिर्फ दो महीने में ही दस करोड़ से अधिक का फर्जी RTGS कोटक महिंद्रा बैंक की एग्जीबिशन रोड शाखा से हुआ है। 5 दिसंबर 2020 को एग्जीबिशन रोड शाखा से दो करोड़ का फर्जी RTGS पटना के एक ट्रेडिंग कंपनी के खाते में हुआ है।

वहीं 27 नवंबर 20 को 5.35 करोड़ का फर्जी RTGS मोहन अलंकार ज्वेलर्स के खाते में हुआ। 9 दिसंबर 20 को करोड़ों का फर्जी RTGS अभिषेक नाम के व्यक्ति के खाते में हुआ। अभिषेक का खाता उत्कर्ष स्मॉल फाइनेंस बैंक के खाते में हुआ है।

जांच की गति को देखें तो पुलिस दबाव में नजर आ रही है। 2 जनवरी को गांधी मैदान थाने में मामला दर्ज हुआ। उस दिन पुलिस एक जालसाज शुभम गुप्ता को बैंक से ही गिरफ्तार की थी। तब मामला 11.73 करोड़ का ही था। फिर मामला बढ़कर 28 करोड़ का हो गया।

पुलिस बैंक के बोरिंग रोड ब्रांच मैनेजर सुमित सिंह को गिरफ्तार की। मामला दर्ज होने के 12 दिन बीत जाने के बाद भी पुलिस किसी अन्य बैंक अधिकारी या कर्मी को गिरफ्तार नहीं कर सकी। अब सवाल उठता है कि क्या सिर्फ शुभम गुप्ता और सुमित सिंह ने ही 28 करोड़ का फर्जीवाड़ा कर लिया? या फिर इसमें भी कोई और बैंक के बड़े अधिकारी है ?

पटना से विक्रांत की रिपोर्ट…

Share This Article