NEWSPR DESK- देश में कोरोना संक्रमण से मरने वालों का आंकड़ा जितनी तेजी से बढ़ रहा है, उससे शवदाह गृहों में अंतिम संस्कार के लिए लंबा इंतजार करना पड़ रहा है। हालात इतने खराब है कि शव जलाने के लिए अस्थायी प्लेटफार्म बनाए गए हैं फिर भी रात के दो-तीन बजे तक अंतिम संस्कार होने की खबरें आ रही हैं।
दिल्ली से लेकर वाराणसी तक यही हाल है। सोशल मीडिया पर रांची समेत कई शहरों के श्मशान घाटों के ऐसे कई वीडियो वायरल हो रहे हैं जिसमें रात में धुंआ उठता दिखाई दे रहा है। दूसरी ओर, गुजरात के सूरत में हाल इतने खराब हो गए कि चौबीसों घंटे लगातार शव जलाए जाने से कई श्मशानों में शव जलाने के लिए बनी गैस भट्ठी के अंदर रखे लोहे के तख्ते पिघल गए। यहां हर दिन सौ से ज्यादा शव जलाए जा रहे हैं। आइए जानते हैं श्मशानों का हाल इस ग्राउंड रिपोर्ट में।
बिहार : श्मशान घाटों पर शवों की कतार..
पटना । कोविड-19 से संक्रमित मरीजों की मौतों का सिलसिला बढ़ने से पटना के श्मशान घाटों पर भी शवों की कतारें लगनी शुरू हो गई हैं। शहर के बांस घाट और पटना सिटी के गुलबी घाट पर जिला प्रशासन की ओर से कोविड-19 से संक्रमित मृतकों के शवदाह की व्यवस्था की गई है
जबकि खाजेकलां घाट की शवदाह मशीन खराब है। बुधवार की सुबह 8 से शाम करीब सात बजे तक बांस घाट पर 12 तथा गुलबी घाट पर 8 लोगों के शव जलाये गये। बांस घाट पर शवों के जलाने के लिए लोगों को एक से डेढ़ घंटे तक बारी का इंतजार करना पड़ा, जबकि गुलबी घाट पर दोनों मशीनें चालू होने से शवों को बारी-बारी से जलाया जा रहा था।