NEWSPR DESK- PMCH के नाम एक और कारनामा सामने आया है जहां कोविड-19 के इलाज के लिए भर्ती शख्स को बुधवार को रैपिड एंटीजन टेस्ट की निगेटिव रिपोर्ट के साथ घर भेज दिया। डिस्चार्ज की प्रक्रिया के समय ही मैसेज आया कि 13 अप्रैल को RT-PCR के लिए दिए सैंपल की रिपोर्ट पॉजिटिव है.
तब भी रोका नहीं गया। अब तक रैपिड टेस्ट पर शक किया भी जाता था, लेकिन यहां RT-PCR को ही गलत बताकर मरीज को घर भेज दिया गया। यह कारनामा भी उस शख्स के साथ किया गया है, जिसका डेथ सर्टिफिकेट जारी कर परिजनों को दूसरे की डेडबॉडी सौंपने का Newspr के डिजिटल प्लेटफॉर्म ने खुलासा किया था।
PMCH का हैरान कर देने वाला कारनामा..
PMCH का यह कारनामा हैरान कर देने वाला है और प्रदेश में हो रही जांच पर ही सवाल खड़ा करने वाला है। पटना मेडिकल कॉलेज के कोविड वार्ड में भर्ती चुन्नू कुमार की RT-PCR जांच के लिए 13 अप्रैल को नमूना लिया गया था। चुन्नू के मोबाइल पर 14 अप्रैल को मैसेज आया कि वह पॉजिटिव हैं।
घर वालों ने यह रिपोर्ट कोविड वार्ड के डॉक्टरों को भी दिखाई लेकिन रिपोर्ट देखने से पहले ही चुन्नू का डिस्चार्ज पेपर तैयार था और 15 अप्रैल को उसकी छुट्टी कर दी गई। पटना मेडिकल कॉलेज से चुन्नू के परिवार वालों को रैपिड एंटीजन टेस्ट की निगेटिव रिपोर्ट दे दी गई है। अब सवाल यह है कि जिस RT-PCR के टेस्ट को पूरा देश सही मानता है उसे पटना मेडिकल कॉलेज ने क्यों गलत ठहरा दिया?
अगर चुन्नू पॉजिटिव है तो फिर कोविड वार्ड से उसे छुट्टी क्यों दी गई? अगर कोविड वार्ड में भर्ती मरीज की RT-PCR रिपोर्ट पॉजिटिव आई तो उसके बाद भी उसे क्यों नहीं रोका गया? ऐसे सवालों का जवाब अब संस्थान भी नहीं दे पा रहा है क्योंकि मरीज छुट्टी पाते ही बाढ़ के लिए निकल गया है।