पटना डेस्क
पटना: मुख्यमंत्री ग्राम परिवहन योजना से बेरोजगार एवं गरीब युवक, युवतियों (अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं अत्यंत पिछड़ा वर्ग) को बिहार में रोजगार का एक बड़ा अवसर मिला है। इसके तहत एक माह में (29 मई 2020 से 29 जून 2020 तक) लगभग 1500 लोगों को रोजगार उपलब्ध कराया गया है। ऑटो, ई-रिक्शा सहित चार सीट से 10 सीटर तक नये वाहनों की खरीद के लिए योजना के तहत प्रति पंचायत पांच लाभुकों का चयन किया गया है। इसके लिए परिवहन विभाग द्वारा 15 करोड़ रुपये का अनुदान दिया गया है।
परिवहन सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने बताया कि मुख्यमंत्री ग्राम परिवहन योजना के लिए पांच चरणों में अब तक कुल 25 हजार 190 लाभुकों को रोजगार मुहैया कराया गया है। इसमें 13825 अनुसूचित जाति, 10194 अत्यंत पिछड़ा एवं 1161 अनुसूचित जनजाति के लाभुकों को वाहनों की खरीद के लिए अनुदान दिया गया है। पिछले एक माह में इस योजना में काफी तेजी आयी है। योजना का लाभ दिलाने के लिए लक्ष्य के विरुद्ध जिलों द्वारा बेहतर कार्य किये जा रहे हैं। पटना, मुजफ्फरपुर, दरभंगा, समस्तीपुर, मोतिहारी आदि जिलों में एक माह में 100-100 से अधिक लाभुकों को लाभ दिया गया है।
मुख्यमंत्री ग्राम परिवहन योजना के तहत अब तक सभी पांच चरणों में लक्ष्य के विरुद्ध जमुई जिले में सबसे अधिक 90.20 फीसदी लाभुकों को लाभ मिला है। यहां 153 पंचायतों में 765 का लक्ष्य निर्धारित किया गया था, जिसके विरुद्ध 690 लाभुकों का चयन करते हुए मुख्यमंत्री ग्राम परिवहन योजना का लाभ दिया गया है।
लक्ष्य के विरुद्ध टारगेट पूरा करने वाले जिलों में जुमई 90.20, औरंगाबाद 82.16, भोजपुर में 81.93, कटिहार 78.13, पूर्णिया 78.05, नालंदा 75.18, सुपौल 74.14, शिवहर 76.98, नवादा 72.19, जहानाबाद 70.11, पश्चिमी चंपारण 69.90, सहरसा 67.81, किशनगंज 69.37, मधुबनी 65.51, रोहतास 70.37, कैमूर 63.49, भागलपुर 64.21, बक्सर 71.55, अरवल 60.31 तथा सीतामढ़ी 61.26 फीसदी लक्ष्य प्राप्त किया है।
इस योजना के तहत चार सीट से लेकर 10 सीट तक के नये सवारी वाहनों की खरीद के लिए वाहन के खरीद मूल्य के 50 प्रतिशत तक की राशि अथवा अधिकतम एक लाख रुपये की राशि अनुदान के रुप में दिये जाने का प्रावधान है। ई-रिक्शा के क्रय की स्थिति में खरीद मूल्य का 50 प्रतिशत परंतु अधिकतम 70 हजार रुपया अनुदान देने का प्रावधान है। बक्सर जिला के केसठ प्रखंड, मोतिहारी जिला के पकड़ीदयाल प्रखंड, जमुई जिला के गिद्धौर, बरहट और जमुई प्रखंड, पश्चिमी चंपारण जिले के पिपरासी और गौनाहा प्रखंड, औरंगाबाद के औरंगाबाद प्रखंड, सुपौल के बसंतपुर, निर्मली प्रखंड, सहरसा के नवहट्टा प्रखंड, सीतामढ़ी के सुप्पी प्रखंड, नालंदा के राजगीर और कतरीसराय प्रखंड में शतप्रतिशत लक्ष्य की प्राप्ति हुई है।