ब्लैक फंगस के बढ़ते आकड़ों को देखते हुए AIIMS में खुलेगा स्पेशल वार्ड

Rajan Singh

NEWSPR Desk, Patna : गुजरात, महाराष्ट्र, उत्तरप्रदेश के बाद अब बिहार में ब्लैक फंगस अपने पाँव पसार रहा है। राज्य में बढ़ते केस से हड़कंप मच गया है। शनिवार रात तक पटना में करीब 30 मरीज़ों में इस बीमारी की पुष्टि हाे चुकी है। इसमें 4 लोगों की सर्जरी हुई है, जबकि अन्य का इलाज चल रहा है। पटना के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में शनिवार को पांच नए मरीज पहुंचे। वहां पहले से भी 10 मरीज़ भर्ती हैं।

बिहार में 7 दिन पहले ब्लैक फंगस का मामला सामने आया था, इसके बाद से मामले कम नहीं हुए। मरीजों की अचानक वृद्धि को देखते हुए AIIMS में सोमवार से 20 बेड का ब्‍लैक फंगस वार्ड खोलने की तैयारी की जा रही है। खतरनाक बात यह है कि मई के अंत तक ब्‍लैक फंगस के 1000 से 1500 तक मामले समाने आ सकते हैं।

बीते 24 घंटे के दौरान मिले ब्‍लैक फंगस के 5 मरीज़ पटना AIIMS में , 3 पटना के बोरिंग रोड स्थित वेल्लोर ईएनटी सेंटर में, 2 पटना के पारस अस्‍पताल में तथा एक कैमूर जिले के कुदरा स्थित रीना देवी मेमोरियल कोविड डेडिकेटेड अस्‍पताल में भर्ती हैं। अभी तक पटना में 15 मरीज़ पटना AIIMS में भर्ती हैं।

ब्लैक फंगस बहुत गंभीर लेकिन दुर्लभ संक्रमण है। यह फफूंद से होने वाला इन्फेक्शन है। यह फफूंद वातावरण में कहीं भी पनप सकता है। ब्‍लैक फंगस से संक्रमित मरीजों के नाक, चेहरे, दांत, आंख और सिर में दर्द रहता है। उनके नाक से पानी और खून निकल सकता है। आंखें लाल हो सकतीं हैं, उनमें सूजन हो सकती है। कई मामलों में आंखें बाहर निकल आती हैं तथा रोशनी भी जा सकती है। प्रारम्भिक अवस्था में पहचान हो जाने पर यह संक्रमण दवा के कुछ डोज से ही ठीक हो जाता है। देर होने पर सर्जरी की जरूरत पड़ती है।

TAGGED:
Share This Article