NEWSPR Desk, Patna : शारीरिक स्वास्थ्य के साथ मानसिक स्वास्थ्य भी इंसानों की प्राथमिकता होनी चाहिए। निश्चित समय से ज्यादा काम करना मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभावी होता है। इंसान यदि 8 घंटे काम करता है तो उसे 8 घंटे आराम की भी उतनी ही ज़रूरत होती है। हाल ही में वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाईजेशन (WHO ) ने रिपोर्ट्स शेयर करते हुआ कहा कि हफ्ते में 55 घंटे से ज्यादा काम करना घातक हो सकता है।
वैश्विक अध्ययन के रिपोर्ट्स के मुताबिक साल 2016 में तक़रीबन 7,45,000 लोगों की मृत्यु ड्यूटी ऑवरस से ज्यादा काम करने से हुई है। कुछ केस ऐसे भी हैं जिनमें लोगों की जान तो नहीं गई लेकिन उन्हें घातक बीमारियां हुईं। WHO की क्लाइमेट चेंज एंड हेल्थ की डायरेक्टर मारिया नेइरा ने कहा है कि सप्ताह में 168 घंटे होते है पर 55 घंटो से ज्यादा काम करना स्वास्थ्य के लिए बहुत खतरनाक साबित हो रहा है। उन्होंने ये भी बताया की इन बीमरियों का शिकार ज्यादार मध्यम आयुवर्ग के लोग हो रहें हैं।
अगर कोरोना महामारी की बात हटा दी जाए तो साल 2000 से अब तक दुनिया में 7 प्रतिशत लोग ऐसे हैं जिनकी मृत्यु ड्यूटी ऑवरस से ज्यादा काम करने से हुई है। अंतरराष्ट्रीय श्रम संघ के द्वारा दिए गए आकड़ों के अनुसार 194 देशों को मिलाकर 35 प्रतिशत लोग हार्ट की बीमारी से पीड़ित हैं वहीं 17 प्रतिशत लोगों को मृत्यु का खतरा है। WHO के मुताबिक चीन, जापान, साउथईस्ट एशिया, वेस्टपसिफ़िक रीजन और ऑस्ट्रेलिया इन जगहों पर ड्यूटी ऑवरस से ज्यादा काम करने वाले लोग सबसे अधिक है।