मोदी सरकार का एक और फरमान, आम आदमी नहीं ले पाएंगे फोटो या वीडियो, एंट्री के लिए भी सख्त गाइडलाइन

Sanjeev Shrivastava

NEWSPR डेस्क। कोरोना महामारी में जारी सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट कार्य विवादों में लगातार बना हुआ है। अब केंद्रीय लोक निर्माण विभाग ने परियोजना के अगले चरण के दौरान फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी के साथ-साथ गैर-जरूरी लोगों के प्रवेश पर भी प्रतिबंध लगा दिया है। वहीं विभाग ने कोरोना महामारी के मद्देनजर निर्माण कार्य में जुटे लोगों को बचाने के लिए कई दिशा-निर्देश जारी किए हैं।

इनमें इस क्षेत्र में प्रवेश करने वालों के लिए पीपीई किट का उपयोग अनिवार्य कर दिया गया है। इसकी पुष्टि अंग्रेजी अखबार हिंदुस्तान टाइम्स ने की है। एचटी के मुताबिक इस क्षेत्र में प्रवेश करने वाले सभी लोगों को पीपीई (फेस मास्क, हैंड ग्लव्स और अन्य चीजों) का उपयोग अनिवार्य कर दिया गया है।

साइट पर गैर-जरूरी लोगों के (प्रधान कार्यालय के कर्मचारियों, सलाहकारों आदि सहित) पर पूर्ण प्रतिबंध होगा। रिपोर्ट के मुताबिक साइट पर फोटोग्राफी/वीडियोग्राफी प्रभारी अभियंता द्वारा पहचाने गए अधिकृत कर्मियों द्वारा की जानी चाहिए। सेंट्रल विस्टा परियोजना के पहले तीन सामान्य सचिवालय भवनों के लिए 3,408 करोड़ रुपए की अनुमानित लागत से निविदा पिछले महीने जारी की गई थी, जिसके लिए बोलियां 15 जून को खुलेंगी।

इसने आईजीएनसीए के प्लाट पर बनने वाले तीन भवनों के लिए दो चरणों वाली निविदा प्रक्रिया के लिए तकनीकी बोलियां आमंत्रित कीं, जिन्हें ध्वस्त करने और जामनगर हाउस में एक नए परिसर में स्थानांतरित करने का प्रस्ताव है। एचटी के मुताबिक लगभग 70,000 केंद्र सरकार के कर्मचारियों के कार्यालयों के लिए कुल 10 सामान्य सचिवालय भवनों की योजना बनाई गई है।

इससे पहले केंद्रीय लोक निर्माण विभाग ने राजधानी दिल्ली में बनाए जा रहे सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के तहत निर्माणाधीन स्थलों पर फोटोग्राफी और वीडियो रिकॉर्डिंग पर प्रतिबंध लगाने वाले बोर्ड लटकाए थे। साइट्स से मीडिया की रिपोर्टिंग और शूटिंग पर भी रोक लगाया जा चुका है।

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