पहली बार वैज्ञानिकों ने बनाया मिनी हार्ट, अब दिल की हर बीमारी का खुलेगा राज

Patna Desk
artificial mini heart

विज्ञान ने मानवता के हित में इस्तेमाल के लिए वैज्ञानिक रात दिन जुटे हैं. इसी का नतीजा है कि महामारी हो या अन्य बीमारी सभी पर काबू पाने के जतन लगातार जारी हैं. इसी बीच वैज्ञानिकों ने पहली बार लैब में एक कृत्रिम ‘मिनी हार्ट’ विकसित किया है. मानव स्टेम सेल से बना तिल के बीज के आकार का (2 मिलीमीटर) यह कृत्रिम दिल 25 दिन के इंसानी भ्रूण में धड़कने वाले हृदय की नकल करता है.

Israeli researchers 3D print a mini working heart

वैज्ञानिकों का कहना है कि इस सफलता के बाद वे दिल से जुड़ी कई बीमारियों के रहस्य को जान सकेंगे. यहां तक कि दिल का दौरा पड़ने के बाद शिशुओं के दिल क्यों नहीं झुलसते, इसका भी पता चल जाएगा. ऑस्ट्रिया साइंस एकेडमी के वैज्ञानिकों की टीम ने इसे बनाया है.

इस शोध से दिल की जन्मजात बीमारी का भी पता चल जाएगा। - Dainik Bhaskar

दरअसल, वैज्ञानिकों की टीम यह शोध करने में जुटी थी कि भ्रूण में दिल की बीमारी कैसे विकसित होती है. भ्रूण में जन्मजात हृदय दोष सबसे ज्यादा पाएजाते हैं. प्रसिद्ध बायोइंजीनियर जेन मा कहते हैं कि दिल की जन्मजात बीमारी और इंसानों के दिल के कई राज खोलने में यह तकनीक कारगर साबित होगी. अब तक पशु मॉडल पर निर्भर रिसर्च के क्रम में यह अब तक की सबसे महत्वपूर्ण खोज है.

For The First Time: Scientists Have Created A Mini Heart In Lab, Heartbeat Like A 25-day Fetus, Will Reveal The Secrets Of Heart Disease - पहली बार: वैज्ञानिकाें ने बनाया मिनी हार्ट,

दिमाग, लिवर जैसे कई अंग लैब में विकसित किए

मिशिगन यूनिवर्सिटी के स्टेम सेल विज्ञानी एटोर एगुइरे कहते हैं कि पिछले 10 साल में दिमाग, लिवर जैसे कई अंग लैब में विकसित किए गए हैं, लेकिन यह सबसे सटीक है. धड़कते हुए इंसानी दिल को जिस तरह ऑर्गेनाइड किया गया है, वह बिल्कुल असल जैसा ही है. इसमें सभी ऊतक और कोशिकाएं न सिर्फ विकसित हुईं बल्कि अपने आप ही संरचना में ढलकर वास्तविक आकार भी लेने लगीं.

Born With Half a Heart, My 'Miracle Baby' Is Now 11 | Everyday Health

तीन माह से ज्यादा जिंदा रहे कृत्रिम दिल
प्रमुख शोधकर्ता डॉ. साशा मेंडजन कहते हैं कि जब मैंने इसे पहली बार देखा, तो मुझे आश्चर्य हुआ कि ये चैंबर्स अपने आप बन सकते हैं. ऑर्गेनाइड जब अपनी कार्यावस्था में आ गए तो मैं सबसे ज्यादा खुश हुआ कि हमारा शोध सफल रहा. यह मिनी हार्ट लैब में 3 महीने से अधिक समय तक जीवित रहे हैं 12 साल बाद हमारी मेहनत रंग लाई. हमने आर्गेनाइड के टुकड़ों को भी फ्रीज कर दिया है ताकि आगे और नई रिसर्च को बढ़ावा मिले.

Patent Foramen Ovale (PFO) (for Parents) - Nemours KidsHealth

शोधकर्ता का दावा: हमने इसे दोबारा बनाकर पूरी तसल्ली कर ली
प्रमुख शोधकर्ता डॉ. साशा मेंडजन कहते हैं कि जब तक आप इसे फिर से नहीं बना सकते, तब तक आप किसी चीज को पूरी तरह से नहीं समझ सकते. हमने ऐसा दोबारा कर दिखाया. हालांकि, इसके पहले चीन के वैज्ञानिकों ने कृत्रिम दिल बनाने का दावा किया था लेकिन वह स्टेम सेल से नहीं बना था. इसमें रॉकेट टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया गया था. इसे बनाने में चुंबकीय और द्रव लेविटेशन तकनीक का इस्तेमाल किया गया था. इसके कारण मशीन में घर्षण नहीं होता और काम करने की क्षमता बढ़ती है.

Share This Article