Patna Desk: कोरोना संक्रमण की महामारी से जूझ रहा भारत अब म्यूकर माइकोसिस नाम यानी ब्लैक फंगस की चपेट में भी आता जा रहा है. कह सकते है कि इस वक्त भारत काफी मुसीबतों का सामना कर रहा है साथ ही यो समय भारत वासियों के लिए काफी निर्णायक स्थिति से गुजर रहा है.
ब्लैक फंगस महामारी घोषित
पिछले कुछ दिनों में ही इस बीमारी ने हज़ारों लोगों को अपनी चपेट में ले लिया है. अभी तक हरियाणा, गुजरात, यूपी और पंजाब समेत करीब 14 राज्यों ने इस बीमारी को महामारी घोषित कर दिया है. कोरोना संक्रमण के साथ ही ब्लैक फंगस मामले भी लगातार सामने आ रहे हैं. एक ओर जहां लाॅकडाउन के कारण कोरोना संक्रमण के मामलों में कमी आई है, जिससे लोगों को थोड़ी बहुत राहत मिली है, तो वहीं ब्लैक फंगस के मामलों सामने आते ही सरकार के साथ साथ आम जनता की भी चिंताएं बढ़ा दी हैं.
दरअसल, कोरोना संक्रमितों में ब्लैक फंगस का मामला लगातार गहराता चला जा रहा है. सोमवार को प्रदेश में ब्लैक फंगस के 25 नए मामले सामने आए हैं. जिसमें आईजीआईएमएस में 5, पटना एम्स में 15 और निजी अस्पतालों में पांच नए मामले मिले हैं. पटना एम्स में इलाजरत 69 ब्लैक फंगस के मरीजों में 14 मरीज वर्तमान में भी कोरोना से संक्रमित है जबकि 55 मरीज ठीक होने के बाद ब्लैक फंगस से संक्रमित हुए हैं. बता दें कि पटना एम्स में ब्लैक फंगस के 62 मरीज एडमिट है. जबकि पटना के विभिन्न प्राइवेट अस्पतालों में 25 मरीज ब्लैक फंगस के पीड़ित हैं जिनका इलाज जारी है. प्रदेश में ब्लैक फंगस से अब तक 11 मौत हो चुकी है.
1897 के तहत महामारी घोषित
राज्य सरकार ने ब्लैक फंगस यानी म्यूकोरमाइकोसिस नाम की बीमारी को महामारी कानून, 1897 के तहत महामारी घोषित कर दी है. शनिवार को स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने इसकी अधिसूचना जारी कर इसे अधिसूचित बीमारी घोषित कर दी.
क्या है ब्लैक फंगस?
म्यूकरमाइकोसिस को ब्लैक फंगस के नाम से जानते है. म्यूकरमाइकोसिस एक बेहद दुर्लभ संक्रमण है. यह म्यूकर फफूंद के कारण होता है, जो आमतौर पर मिट्टी पौधों में खाद सड़े हुए फल और सब्जियों में पनपता है. यह फंगस साइनस दिमाग और फेफड़ों को प्रभावित करती है, और डायबिटीज के मरीजों या बेहद कमजोर यूनिटी रोग प्रतिरोधक क्षमता वाले लोगों (कैंसर या एचआईवी एड्स ग्रसित) के लिए यह जानलेवा भी हो सकती है. अभी के दौर में कोरोना के उबर चुके मरीजों पर इसका असर देखा जा रहा है.
क्या है लक्षण?
यह संक्रमण ज्यादातर उन्हीं मरीजों में देखने को मिला है जो कि डायबिटीज से पीड़ित हैं. ऐसे मरीजों को डायबिटीज पर कंट्रोल रखना चाहिए. विशेषज्ञों के मुताबिक ब्लैक फंगस के कारण सिर दर्द, बुखार, आंखों में दर्द, नाक बंद या साइनस के अलावा देखने की क्षमता पर भी असर पड़ता है.ये भी पढ़ें- ‘ब्लैक फंगस’ क्या है, कैसे पहचानें? एक्सपर्ट से जानिए हर सवाल का जवाबखतरनाक है ब्लैक फंगस!
इस बीमारी से मस्तिष्क, फेफड़े और त्वचा पर भी असर देखने को मिलता है. इसके कारण आंखों की रोशनी भी चली जाती है. वहीं कुछ मरीजों के जबड़े और नाक की हड्डी तक गल जाती है. अगर समय रहते इसका उपचार नहीं किया गया तो तो मरीज की मौत हो जाती है.
खतरनाक है ब्लैक फंगस!
इस बीमारी से मस्तिष्क, फेफड़े और त्वचा पर भी असर देखने को मिलता है. इसके कारण आंखों की रोशनी भी चली जाती है. वहीं कुछ मरीजों के जबड़े और नाक की हड्डी तक गल जाती है. अगर समय रहते इसका उपचार नहीं किया गया तो तो मरीज की मौत हो जाती है.