कोरोना काल की घड़ी में देश में कुछ भी सही नहीं चल रहा है. इस बीच बच्चों की स्कूल से लेकर पढ़ाई तक सभी बाधित हो रही है. सीबीएसई के 12वीं क्लास के एग्जाम को लेकर तारीखों की घोषणा नहीं होने की वजह से छात्र अभी भी दुविधा में हैं. ऐसा इसलिए कि विभिन्न राज्य सरकार सीबीएसई की 12वीं बोर्ड परीक्षा को कराए जाने को लेकर एकमत नहीं हैं.
बता दें कि केंद्र ने राज्यों से इस विषय पर सुझाव मांगे थे. केंद्र को भेजे गए जवाब में 32 राज्य और केंद्र शासित प्रदेश में से 29 बोर्ड परीक्षा कराए जाने के पक्ष में हैं. वहीं, दिल्ली, महाराष्ट्र, गोवा और अंडमान व निकोबार ने कोरोना महामारी के दौरान मौजूदा परिस्थितियों में बोर्ड परीक्षा कराए जाने का विरोध किया है.
ऑब्जेक्टिव पैटर्न पर परीक्षा का सुझाव
इससे पहले 23 मई को हुई उच्च स्तरीय बैठक में सीबीएसई क्लास 12 एग्जाम में इस बार सिर्फ प्रमुख विषयों की परीक्षा कराए जाने संबंधी दो प्रस्ताव रखे थे. बोर्ड की तरफ से कहा गया था कि ये परीक्षाएं ऑब्जेक्टिव पैटर्न पर और पहले से कम अवधि की हों. स्कूल्स द्वारा ही परीक्षा कराए जाने का भी प्रस्ताव रखा गया था. पहले प्रस्ताव में 19 बड़े विषयों की परीक्षा मौजूदा फॉर्मेट में कराने की बात कही गई थी. दूसरे प्रस्ताव में बडे़ विषयों की परीक्षा अपने स्कूल में ही कराने की बात थी. इसमें परीक्षा की अवधि को घटा कर 90 मिनट किए जाने का प्रस्ताव था.
15 से 26 जुलाई के बीच हो सकती है परीक्षा
रिपोर्ट के अनुसार, सीबीएसई ने 15 जुलाई से 26 अगस्त के बीच 12वीं बोर्ड परीक्षा आयोजित करने और रिजल्ट्स सितंबर में घोषित करने का प्रस्ताव रखा है. इस बार सीबीएसई 12वीं की परीक्षा में 14,30,247 स्टूडेंट्स को शामिल होना है. राज्यों से मिले फीडबैक के आधार पर केंद्र की सलाह पर सीबीएसई जल्द ही बोर्ड परीक्षा के तारीखों की घोषणा कर सकती है.
मौजूदा फॉर्मेट में परीक्ष के पक्ष में तीन राज्य
राजस्थान, त्रिपुरा और तेलंगाना मौजूदा फॉर्मेट में परीक्षा कराए जाने के पक्ष में हैं. वहीं, पंजाब, झारखंड, सिक्किम, दमन औ दीव ने कहा है कि वे वैक्सीनेशन के बाद ही परीक्षा आयोजित कराएंगे. ओडिशा एकमात्र ऐसा राज्य है जिसने अभी तक कोई फीडबैक नहीं दिया है. सीबीएसई बोर्ड परीक्षा को लेकर जानें क्या है किस राज्य का रुख.
राज्य निर्णय
आंध्र प्रदेश हां
अरुणाचल प्रदेश हां
असम हां
बिहार हां
छत्तीसगढ़ हां
गोवा नहीं.
गुजरात हां
हरियाणा हां
हिमाचल प्रदेश हां
झारखण्ड हां
कर्नाटक हां
केरल हां
मध्य प्रदेश हां
महाराष्ट्र नहीं.
मणिपुर हां
मेघालय हां
मिजोरम हां
नागालैंड हां
ओडिशा हां
पंजाब हां
राजस्थान हां
सिक्किम हां
तमिलनाडु हां
तेलंगाना हां
त्रिपुरा हां
उत्तर प्रदेश हां
उत्तराखंड हां
पश्चिम बंगाल हां
केंद्रशासित प्रदेश
अंडमान व निकोबार द्वीप समूह नहीं
चंडीगढ़ हां
दादरा और नगर हवेली हां
दिल्ली नहीं.
लक्षद्वीप हां
पुडुचेरी हां
जम्मू कश्मीर हां
लद्दाख हां
बोर्ड परीक्षा पैटर्न में ना हो अधिक बदलाव
केरल और असम ने भी अपने फीडबैक में वैक्सीनेशन की बात कही है. हालांकि, वैक्सीनेशन का बोर्ड परीक्षा के समर्थन पर कोई असर नहीं पड़ेगा. दिल्ली और महाराष्ट्र ने भी टीचर्स और स्टूडेंट्स को वैक्सीन लगाने की बात कही है. जबकि तमिलनाडु, कर्नाटक, हरियाणा और मध्यप्रदेश ने केंद्र सरकार से आग्रह किया है कि बोर्ड परीक्षा के पैटर्न में बहुत अधिक बदलाव ना किया जाए.