कोरोना से ठीक हो चुके मरीजों को गैर-जरूरी सर्जरी कराने से पहले सर्जन की तरफ से प्री-ऑपरेटिव प्रोटोकॉल के हिस्से के रूप में फिर से आरटी-पीसीआर/एंटीजन टेस्ट के लिए कहा जा रहा है. हालांकि, भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) और कोविड -19 के लिए राष्ट्रीय टास्क फोर्स के एक्सपर्ट्स ने ठीक होने के 102 दिनों के भीतर दोबारा कोविड टेस्ट नहीं कराने की सलाह दी है. इसकी वजह शरीर में कुछ समय तक रहने वाले “नॉन वायबल डेड वायरस पार्टिकल” की मौजूदगी को बताया गया है.
6 महीने बाद ही करें सर्जरी पर विचार
ये वायरस अवशेष बीमारी को फैला नहीं सकते हैं, लेकिन एक गलत पॉजिटिव रिजल्ट दे सकते हैं. एक्सपर्ट का कहना है कि सर्जनों को कोरोना से उबर चुके लोगों पर छह महीने बाद ही गैर-जरूरी सर्जरी पर विचार करना चाहिए. सर्जन यह सुनिश्चित कर लें कि सर्जरी के बाद मरीज को पूरा समय मिलेगा और वह जल्दी से ठीक हो सकेंगे. टास्क फोर्स के सदस्य संक्रामक रोग एक्सपर्ट संजय पुजारी ने कहा कि वर्तमान में, कोरोना से ठीक होने के 102 दिनों के बाद ही कोविड के फिर से संक्रमण की पुष्टि की जाती है. इसलिए, इस समय सीमा के भीतर फिर से टेस्ट की सलाह नहीं दी जा रही है.
इमरजेंसी सर्जरी में सावधानी जरूरी
डॉ. पुजारी का कहना है कि इसके अलावा, कोरोना से ठीक हो चुके लक्षण वाले मरीजों के लिए गैर-जरूरी सर्जरी से पहले छह सप्ताह न्यूनतम अवधि के गैप की सिफारिश की जाती है. जहां तक मरीजों के ठीक होने या ठीक होने के लिए इमरजेंसी सर्जरी की बात है, तो उन्हें उचित सावधानी के साथ तुरंत किया जाना चाहिए. हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि यदि किसी मरीज में फिर से कोविड के लक्षण दिखाई देते हैं, तो फिर से टेस्ट कराने के साथ ही वे संक्रामक रोग एक्सपर्ट की सलाह लेने पर विचार कर सकते हैं.
कितने समय तक करें इंतजार, ये है सलाह
- बिना लक्षण वाले रोगी या केवल हल्के, सांस लेने से जुड़े लक्षणों से उबरने वाले व्यक्ति के लिए- 4 सप्ताह.
- खांसी, सांस की तकलीफ सहित अन्य लक्षण वाले मरीज जिन्हें अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता नहीं थी के लिए- 6 सप्ताह.
- लक्षण वाले मरीज, जिन्हें डायबिटीज की शिकायत थी और अस्पताल में एडमिट रहे हों के लिए- 8-10 सप्ताह.
- कोविड -19 के साथ आईसीयू में भर्ती एक मरीज के लिए- 12 सप्ताह.
- 102 दिन के भीतर कोविड की दुबारा जांच ना कराएं.