Entertainment Desk: ये ज़माना ओटीटी का है साहब… ऐसा हम नहीं कह रहे ऐसा तो ज़माना कह रही है. जब से कोरोना काल शुरु हुआ तब से ओटीटी की बहार शुरु हो गई है. लोग अब थियेटर से ज्यादा ओटीटी की तरफ रुख करते नजर आ रहे हैं.
आपको बता दें, बाजार में चल रहे तगड़े मुकाबले में भारत की दिनों दिन बढ़ती अहमियत को देखते हुए डिजिटल मनोरंजन जगत की नंबर वन ओटीटी कंपनी नेटफ्लिक्स ने अपना पहला वैश्विक पोस्ट प्रोडक्शन स्टूडियो भारत में बनाने का फैसला किया है. नेटफ्लिक्स ने पिछले दो साल में भारत की अलग अलग भाषाओं का कंटेंट बनाने या खरीदने में तीन हजार करोड़ रुपये निवेश करने की बात भी पहली बार स्वीकार की है.
नेटफ्लिक्स इस समय दुनिया के सभी ओटीटी में नंबर वन है. इसका मासिक और वार्षिक शुल्क भी दूसरे ओटीटी से कहीं ज़्यादा है. नेटफ्लिक्स प्रीमियम ओटीटी कंटेंट में भी सबसे आगे है.
नेटफ्लिक्स ने भारत में अपना काम पांच साल पहले शुरू किया था. इस दौरान कंपनी ने अलग अलग भाषाओं में कई मील के पत्थर पार किए. कंपनी ने भारत में अपने ग्राहकों या भारत में निवेश की गई रकम के बारे में इस दौरान पहले कभी कोई आंकड़ा जाहिर नहीं किया. बुधवार को एक बड़ा एलान करते हुए नेटफ्लिक्स ने पहली बार जाहिर किया कि उसने भारतीय भाषाओं की मनोरंजन सामग्री बनाने या उनका अधिग्रहण करने के लिए बीते दो साल में 3000 करोड़ रुपये का निवेश किया है. इनमें वे 41 वेब सीरीज व फिल्में भी शामिल हैं, जिनकी घोषणा नेटफ्लिक्स ने हाल ही में की.
बुधवार को नेटफ्लिक्स ने भारत को अपनी कार्ययोजना का प्रमुख बिंदु बनाने का भी ऐलान किया. कंपनी ने जानकारी दी कि दुनिया में पहली बार वह अपना खुद का लाइव एक्शन फुल सर्विस पोस्ट प्रोडक्शन स्टूडियो बनाने जा ही है और यह स्टूडियो वह मुंबई में स्थापित करेगी. नेटफ्लिक्स का कहना है कि ऐसा वह भारत के रचनाशील समुदाय की मदद के लिए कर रही है ताकि भारतीय कहानियों को वैश्विक स्तर पर सुनाया जा सके.
कंपनी ने बताया कि मुंबई में बनने जा रहा दुनिया का ये अपना तरह का पहला स्टूडियो अगले साल जून तक बनकर पूरी तरह चालू हो जाएगा. इस कैंपस में 40 ऑफलाइन एडीटिंग सुइट्स होंगे जिसमें कि उसके शो के लिए काम करने वाले शोरनर्स, निर्दशक, एडीटर्स और साउंड डिजाइनर्स प्रेरणादायक, समेकित और लचीले माहौल में काम करने का मौका पा सकेंगे.
ये पूरा कैंपस इस तरह से बनाया जा रहा है कि इसमें नवोन्मेषी प्रतिभाओं को मौका मिल सके और भारत के पूरे पोस्ट प्रोडक्शन समुदाय के साथ कुशलता के साथ समागम स्थापित किया जा सके। नेटफ्लिक्स की सामग्री की खपत में बीते साल भारत में काफी वृद्धि देखी गई. इस दौरान दर्शकों ने भारत में बने जिन कार्यक्रमों को सबसे ज्यादा देखा और सराहा, उनमें, ‘छोटा भीम’, एमी अवार्ड विजेता सीरीज ‘दिल्ली क्राइम’ और ‘गिल्टी’‘लूडो’, ‘पगलैट’ और ‘पावा कदाइगल’ जैसी फिल्में शामिल हैं.
नेटफ्लिक्स ने इससे पहले पिछले साल अपनी एक और शाखा नेटएफएक्स की भी भारत में शुरूआत की थी. इसके जरिए भारत में काम करने वाले तमाम वीडियो इफेक्ट्स कलाकार दुनिया भर के फिल्म व सीरीज निर्माताओं के लिए काम कर रहे हैं. कंपनी ने हाल ही में लंदन में स्क्रिप्टराइटर्स की वर्कशॉप के लिए इंटर्नशिप के आवेदन मांगे थे, ऐसी वर्कशॉप और कार्यशालाएं जल्द ही भारत में भी शुरू होने की उम्मीद जताई जा रही है.