बिहार की राजनीति में लालू यादव के जेल से बाहर आने के बाद कई तरह की बातें सामने आ रही हैं. एक तरफ जहां राजद दावा कर रहा है कि लालू के बाहर आने से बिहार की राजनीति करवट लेगी, तो वहीं जदयू का मानना है कि लालू जेल के अंदर रहें या बाहर…बिहार में कुछ भी बदलने वाला नहीं है. जदयू की सरकार को कोई हटा नहीं सकता.
दरअसल, जब से लालू यादव जेल से जमानत पर बाहर आए हैं तब से पार्टी कार्यकर्ताओं में जोश बुहत ज्यादा है. कई नेता भी मानने लगे हैं कि बिहार की राजनीति में फिर लालू सक्रिय भूमिका निभा सकते हैं. ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि क्या बिहार की सियासत करवट लेने वाली है? क्या लालू का जेल से बाहर आना नीतीश सरकार के लिए खतरे की घंटी है? क्या बिहार की राजनीति में लालू की होगी वापसी?
आरजेडी लगातार अपने नेता के हक में आवाज बुलंद कर रही
इस बीच सत्तारुढ़ पार्टी जेडीयू और बीजेपी लालू को बिहार का इतिहास बता रहे हैं, लेकिन आरजेडी लगातार अपने नेता के हक में आवाज बुलंद कर रही है. राजद प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा है कि लालू यादव के बाहर आने के बाद बिहार की राजनीति की दिशा और दशा दोनों बदलेगी, ये तय है. सरकार में शामिल पिछड़े, अतिपिछड़े, दलित और महादलित विधायकों की नहीं सुनी जा रही है. उन्हें मान-सम्मान नहीं मिल रहा, वो गोलबंद हो रहे हैं. उनके मन में लालू यादव के प्रति सम्मान का भाव है क्योंकि उन्होंने वंचितों-शोषितों के हक की लड़ाई लड़ी है.
लालू यादव बिहार की राजनीति में इतिहास हो चुके
लेकिन राजद के इन दावों पर जदयू भी कहां चुप बैठने वाला है. जदयू प्रवक्ता अभिषेक झा ने जबरदस्त पलटवार करते हुए कहा है कि लालू यादव बिहार की राजनीति में इतिहास हो चुके हैं. अपने कृत्यों की वजह से वो सजायाफ्ता हैं और फिलहाल स्वास्थ्य कारणों से बाहर हैं. लेकिन वो सक्रिय राजनीति में भाग नहीं ले सकते. इसलिए उनके अंदर या बाहर रहने से बिहार की राजनीति पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा.
इन्होंने शोषितों-वंचितों, दलितों या खास समाज और समुदाय का ठेकेदार होने की बात तो जरूर की है लेकिन काम सिर्फ अपने और अपने परिवार के लिए किया है. ये ‘अपना काम बनता, भांड़ में जाए जनता’ की पॉलिसी पर काम करते हैं.
बीजेपी ने लालू पर जोरदार तंज कसा
सरकार में साझेदार बीजेपी ने भी लालू यादव पर जोरदार तंज कसा है. बीजेपी प्रवक्ता निखिल आनंद ने कहा है कि राजद सामाजिक न्याय की राजनीति का नेतृत्व नहीं करती, ये सिर्फ परिवारवाद की राजनीति कर रहे हैं. 15 साल में इन्होंने सामाजिक न्याय का क्या बंटाधार किया, ये सबको पता है.
NDA की सरकार में अति पिछड़ों और महिलाओं को आरक्षण दिया गया. RJD सिर्फ सामाजिक न्याय का आडम्बर रचकर सिर्फ परिवार की विरासत खड़ी रखना चाहते हैं. ये दलित-पिछडों को सिर्फ वोट के लिए गोलबंद करके मोहरा बनाकर रखना चाहते हैं.
लालू के जेल से बाहर आने के क्या मायने?
बिहार में एनडीए की सरकार बनने के बाद विधानसभा सत्र के दौरान लालू यादव पर जेल में रहते हुए सत्ता पक्ष के विधायकों पर दबाव बनाने का आरोप लगा था, उनका एक कथित ऑडियो भी सामने आया था. अब लालू यादव जमानत पर जेल से बाहर आ चुके हैं. सत्ता पक्ष भले दावा कर रहा है कि लालू यादव के बाहर आने से बिहार की राजनीति पर कोई असर नहीं पड़ेगा. लेकिन राजद को उम्मीद है कि लालू यादव अपने राजनीतिक कद का इस्तेमाल करते हुए बिहार में सियासी उलटफेर कर सकते हैं.