NEWSPR डेस्क। पटना कोरोना ने जहां देश दुनिया को सोचने पर मजबूर कर दिया हर वो जरूरत जो लोगो को किसी न किसी रूप में प्रभावित कर सकती थी जिससे लोग जान कर भी अनजान थे उस हकीकत को संक्रमण ने दो वर्षों के अंतराल में सामने लाकर खड़ा कर दिया। जी हां जहां एक ओर अत्याधुनिक सुविधाओं से परिपूर्ण देश भी कोरोना के आगे घुटने टेक दिए तब जाके हकीकत सामने आई कि पर्यावरण को नजर अंदाज करना मानव जीवन में कितना घातक साबित हुआ.
इसका अंदाजा अब लगाया जा सकता है. जिन वृक्षों को लोग अपने जरूरत के हिसाब से काट रहे थे वही मानव जीवन को ऑक्सीजन देने वाले पेड़ एक सिख बनकर सामने आ खडा हुआ. यू कहे कोरोना काल ने पूरे मानव जीवन को प्रभावित कर दिया है. जिसका जीता जागता सबूत आज हमारे सामने दिख रहा है. चाहे बात रोजगार की हो या लगातार बढ़ते बीमारीयो की. इसका प्रभाव सबसे ज्यादा मानव जीवन पर देखा जा सकता है. एक बार फिर लोग भारी संख्या में राजधानी पटना से प्रवासी मजदूर अपने अपने कामो पर दूसरे राज्यों की ओर पलायन करते देखे जा सकते है.
ये नजारा पटना जंक्शन का है जहां दो जून रोटी कमाने की चाह में इस संक्रमण से मुक्त होते ही लोग निकल परे है. रोटी कमाने की चाह में माथे पर गठरियों के साथ. बताते चले आपको की देश ने दूसरी लहर तो किसी तरह पार कर ली है पर लॉक डाउन ने जितना प्रभावित दूसरे राज्यो में काम करने वाले लोगो को किया है. इसका अंदाजा इससे ही लगाया जा सकता है. कि फिर ये प्रवासी मजदूर अपने कामो पर वापसी की उम्मीद लेकर उन प्रदेशो की ओर बढ़ चले है.
जहां ये काम कर अपने परिवार का भरण पोषण किया करते है. दरसल लॉक डाउन के खात्मे के साथ बिहार वासियो में एक खुसी उनके चेहरे पर झलकती नजर आती तो जरूर है. बाबजूद इसके कोरोना कमा है. थमा नही है. इसका भी बखूबी ध्यान रखना जरूरी होगा।
वही इस मामले को लेकर जब पटना जंक्शन के RPF इंस्पेक्टर विनोद कुमार सिंह से हमारी बात हुई तो उन्होंने भी बताया कि कोरोना की दूसरी लहर पर हमने तो कंट्रोल पा लिया पर सतर्कता बरतने से ही तीसरी लहर को हम मात दे सकते है. हालांकि पटना जंक्शन पर आने जाने वाले हर यात्रियों का संक्रमण जांच लगातार जारी है. ताकि इस संक्रमन को कंट्रोल किया जा सके।
पटना से विक्रांत की खास रिपोर्ट…