लालू प्रसाद के बड़े बेटे तेजप्रताप यादव को अब एनडीए से ऑफर मिला है। बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष संजय जासवाल ने उनको ये ऑफर दिया है। उन्होंने कहा कि यदि तेजप्रताप यादव एनडीए में शामिल होंगे तो वे खुद उनका स्वागत करेंगे। संजय जायसवाल के इस बयान के बाद अब सियासत तेज हो गई है। ऐसे में अब तेजस्वी यादव भी पटना लौट आये हैं। कई दिनों से वो दिल्ली में लालू प्रसाद के पास मौजूद थे। तेजस्वी पटना लौटते ही सरकार पर गरजने लगे हैं। बिहार में इन दिनों सियासत किस करवट लेगी कहना मुश्किल है। अभी विरोधी भी एक दूसरे से मिल रहे हैं। एक दूसरे के बीच ताल मेल बैठाने की कोशिश कर रहे है। तो कोई अपने सहयोगियों को भी आरे हाथों ले रहा है। लालू प्रसाद के जन्मदिन पर तेजप्रताप यादव जीतन राम मांझी से मिलने पहुंच गये। मांझी भी उनसे बंद कमरे में करीब एक घंटे तक बातचीत की। करीब 10 मिनट तक लालू प्रसाद यादव से फोन पर बात की। हालांकि जीतन राम मांझी ने मीडिया में साफ शब्दों में कहा कोई किसी से भी आकर मिल सकता है। लेकिन ये भी कहा एनडीए से बाहर जाने की कोई बात नहीं है। जीतन राम मांझी ने यह भी कहा कि राजनीति में पति-पत्नी भी अलग-अलग होते हैं, भाई-भाई भी अलग होते हैं, मां-बेटा भी अलग-अलग होते हैं। ऐसी परिस्थिति में तेजप्रताप अगर यहां आए हैं, इसका कतई यह मतलब नहीं है कि कोई राजनीतिक मंशा है।
तेजप्रताप यादव और मांझी के बीच मुलाकात के भले ही कोई राजनीतिक मंशा नहीं हो, लेकिन सच्चाई यही है कि सूबे में जोड़तोड़ की सियासत शुरू हो गई है। विरोधी एक दूसरे से हाथ मिलाने को तैयार हैं। गठबंधन के लोग मांझी और मुकेश सहनी को अपने में शामिल करने की भरपूर कोशिश कर रहे है। अब संजय जायसवाल ने तो खुले तौर पर लालू प्रसाद के बड़े बेटे को ही एनडीए में शामिल होने का ऑफर दे दिया। बिहार की सत्ता बदलेगी या बरकरार रहेगा ये तो भविष्य के गर्भ में है, पर नीतीश कुमार की सरकार गिराने की भरपूर कोशिश हो रही है। बीजेपी के नेता भी मानते हैं कि कुछ लोग सरकार को अस्थिर करने की कोशिश कर रहे हैं, तो वहीं मांझी ने तो सीधे बीजेपी के कई नेताओं पर ही सरकार को अस्थिर करने का आरोप लगा गया है।