NEWSPR डेस्क। अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को गुलाबी-लाल पत्थरों की कमी का टोटा अब दूर होने जा रहा है। राजस्थान में गहलोत सरकार के प्रयास से भरतपुर के बंशी पहाड़पुर में इन पत्थरों की वैध खुदाई हो सकेगी। इसके लिए 398 हैक्टेयर खनन क्षेत्र को प्रदेश सरकार ने केन्द्रीय वन-पर्यावरण व जलवायु मंत्रालय से वन क्षेत्र से अलग करवा कर डायवर्जन करवा लिया है। अब यहां ई-ऑक्शन के माध्यम से 70 वैध खनन ब्लॉक आवंटन कर पत्थरों की खुदाई की जाएगी। राम मंदिर निर्माण में इन्हीं पत्थरों की भारी खेप सप्लाई हो रही थी, लेकिन वैध खनन नहीं होने से पत्थरों की आपूर्ति मांग के अनुरूप नहीं हो पा रही थी।
जानकारी के अनुसार बंशी पहाड़पुर इलाका वन क्षेत्र में आता है। यहां गुलाबी-लाल पत्थर बड़ी मात्रा में मिलते हैं। क्षेत्र में कई अवैध खनन माफिया यहां से चोरी-छिपे अवैध खनन कर रहे थे, जिस पर प्रदेश सरकार ने गत सितंबर माह में सख्त कार्रवाई करते हुए रोक लगा दी थी। पत्थरों की मांग के चलते गहलोत सरकार ने केन्द्र सरकार से इस खनन क्षेत्र के 398 हैक्टेयर क्षेत्र को वन भूमि से अलग करने का प्रस्ताव भेजा था, 11 जून को इसे स्वीकृत्ति मिल गई है। इस माह के अंत तक इस क्षेत्र में खनन एरिया का डेलिमेनेशन किया जाएगा। इसके बाद ई-आॅक्शन कर करीब 70 ब्लॉक लीज पर देकर वैध खनन शुरू कराया जाएगा। इस क्षेत्र में अब वैध खनन होने से राजस्थान सरकार को सालाना करीब 500 करोड़ रुपए के राजस्व की प्राप्ति भी होगी।
सीएम अशोक गहलोत के प्रयासों से एरिया के वन भूमि के डायवर्जन को प्रथम स्तरीय मंजूरी मिल गई है। पहले वन क्षेत्र से इसे बाहर किया गया। अब यहां खनन ब्लॉक आवंटन होगा। राम मंदिर के लिए सेंड स्टोन उपलब्ध हो सकेगा। लाखों लोगों को रोजगार और अवैध खनन पर रोक भी लग सकेगी।