व्यवहार न्यायालय औरंगाबाद के अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश षष्ठम सह विशेष न्यायाधीश पाक्सो ऐक्ट के विवेक कुमार ने वैचुअल कोर्ट में सजा सुनाई है। सजा के बिन्दु पर अभियुक्त रविन्द्र मुसहर को डकैती और गैंगरैप के आरोप में सश्रम आजीवन कारावास अन्तिम सांस लेने तक की सजा सुनाई है। अधिवक्ता सतीश कुमार स्नेही ने बताया कि अभियोजन कि ओर से एपीपी शिवलाल मेहता और अभियुक्त कि ओर से अमरेन्द्र नारायण सिंह ने भाग लिया !
अभियुक्त वीडियो कॉलिंग के माध्यम से जेल के वीसी रूम से हाजीर हुआ, दोनों पक्षों के अधिवक्ता ने वर्चुअल बहस पूरी की थी । 18 जून को अभियुक्त रविन्द्र मुसहर को दोषी करार दिया गया था। अभियुक्तों की पहचान, टी आई पी, पहचान परेड से की गई थी। आपको बता दें पीड़िता के समर्थन में 9 साक्षीयो ने गवाही दी थीं, विशेष न्यायाधीश विवेक कुमार ने राज्य सरकार को आदेश दिया कि पीड़िता को सात लाख प्रतिकार दिया जाए। धारा 395 में दस साल की सज़ा और दस हजार जुर्माना लगाया गया। धारा 376डी+पाक्सो ऐक्ट में अन्तिम सांस तक सश्रम आजीवन कारावास और पचास हजार जुर्माना लगाया ।