NEWSPR /DESK : बिहार के अरवल में 250 पेटी एक्सपायर्ड बीयर पकड़ी गई। यह बीयर रांची के एक वेयर हाउस से नष्ट करने के लिये निकली थी लेकिन नष्ट नहीं की गई। रांची से बीयर आराम से बिहार पहुंच गई। अरवल में जब ट्रक दबोचा गया तो ट्रक के चालक-खलासी ने पूरी जानकारी दी। इसके बाद जो खुलासे हुये वे बेहद चौंकाने वाले हैं। दरअसल फैक्ट्री की लॉगबुक चेक करने से पता चला कि 400 पेटी एक्सपायर्ड बीयर का खेल हुआ। 16 लाख की एक्सपायर्ड बीयर तो पकड़ी गई जो वहां 32 करोड़ में बिकनी थी लेकिन 10 लाख मूल्य की 150 पेटी एक्सपायर्ड बीयर 20 लाख रुपये में खपा दी गई। यह बेहद जानलेवा भी है। पुलिस को आशंका है कि पहले भी ऐसा किया गया है या व्यापक पैमाने पर इस तरह के काम को अंजाम दिया गया है। इस मामले में वेयर हाउस के मैनेजर को भी गिरफतार किया गया है जो पूरा सिंडिकेट लीड कर रहा था।
इस मामले में रांची के नामकुम थाना क्षेत्र स्थित बरगांवा में क्राउन बीयर इंडिया लिमिटेड कंपनी के वेयर हाउस में छापेमारी की। इस मामले में गोदाम के प्रभारी मैनेजर और इस मामले के प्राथमिकी अभियुक्त ओम प्रकाश पांडेय और सुपरवाइजर हेमंत पांडेय को अरवल पुलिस ने हिरासत में लिया है। पूछताछ के दौरान दोनों ने गोदाम से जब्त बीयर को बिहार भेजने की बात स्वीकार की है। इस वेयर हाउस को सील कर दिया गया है।
जांच टीम के अनुसार 29 जून को अरवल के मेहंदिया थाना क्षेत्र में एक ट्रक से 3 हजार लीटर बीयर बरामद की गई थी। इस मामले में ट्रक के चालक सुशील कुमार सिंह और खलासी सोनू कुमार को गिरफ्तार किया गया था। पूछताछ के दौरान दोनों ने खुलासा किया कि बीयर की यह खेप 28 जून को रांची के क्राउन बीयर इंडिया लिमिटेड कंपनी के प्रभारी मैनेजर और सुपरवाइजर ने लोड कराया था। जब जांच शुरू की गई तो पता चला कि जब्त बीयर औरंगाबाद (महाराष्ट्र) की एन्युहेसर वेबरेज प्राइवेट लिमिटेड में बनी है और 19 सितंबर 2020 को ही एक्सपायर हो चुकी है।
इसके बाद मद्य निषेध की टीम ने रांची में अपना ऑपरेशन शुरू किया और गोदाम में छापेमारी की। मद्य निषेध के अनुसार गोदाम से जब्त एक्सपायरी बीयर को नष्ट करने के लिये झारखंड के आयुक्त का आदेश पहले से ही पारित है। इस मामले में रांची के उत्पाद विभाग के अधिकारियों द्वारा भी बीयर कंपनी का गोदाम सील करने और लाइसेंस रद्द करने के अलावा अलग से प्राथमिकी दर्ज करने की कार्रवाई की जा रही है।