NEWSPR /DESK : झारखण्ड की राजनीति में फिर हलचल तेज हो गई है। गुरुवार देर शाम कांग्रेस के 6 विधायक दिल्ली रवाना हो गए। राजनीतिक पंडित तरह-तरह के समीकरण बनाना शुरू कर चुके हैं। दिल्ली जाने वालों में 2 महिला विधायक भी शामिल हैं। इनमें महागामा विधायक दीपिका पांडेय सिंह और झरिया विधायक पूर्णिमा नीरज सिंह का नाम शामिल हैं। इसके अलावा जामताड़ा विधायक डॉ. इरफ़ान अंसारी, पोड़ैयाहाट विधायक प्रदीप यादव, बरही विधायक उमाशंकर अकेला और मांडर विधायक बंधु तिर्की हाईकमान के पास अपना दर्द साझा करने गए हैं।
वेणुगोपाल और आरपीएन से मुलाकात करने की चर्चा
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव केसी वेणुगोपाल और झारखण्ड प्रभारी आरपीएन सिंह से मुलाकात करेंगे। जानकारी यह भी है कि ये विधायक राहुल गांधी से भी मुलाकात करने की कोशिश करेंगे और अपनी- अपनी समस्या रखेंगे।
क्या है नाराजगी कांग्रेस की
महिला विधायकों की नाराजगी तो जगजाहिर हो चुकी है। जिसे लेकर रांची में दो बार बैठक भी हो चुकी है। एक बैठक चारो नाराज महिला विधायकों ने की थी। जिसमें मंत्री और विधायक दल के नेता आलमगीर आलम वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये जुड़े थे। उसके बाद एक और बैठक झारखण्ड मंत्रालय में हुई थी। जिसमें महिला विधायकों ने आलमगीर आलम से मिलकर अपनी-अपनी नाराजगी जाहिर की थी। वहीँ विधायक प्रदीप यादव और बंधु तिर्की की नाराजगी विधानसभा से कांग्रेस विधायक के तौर पर सदस्यता नहीं मिलने से है। जिसे लेकर विधायक बंधु तिर्की कई बार मीडिया में बयानबाजी भी कर चुके हैं और अपनी नाराजगी भी जता चुके हैं। वहीँ विधायक इरफ़ान अंसारी और उमाशंकर अकेला की नाराजगी बोर्ड निराम और मंत्रिमंडल में अबतक जगह नहीं मिलने को लेकर है।
रामेश्वर उरांव मनाने की कर चुके हैं कोशिश
झारखण्ड कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष और मंत्री रामेश्वर उरांव अपने नाराज विधायकों को मनाने की कोशिश कर चुके हैं। रामेश्वर उरांव कह भी चुके हैं कि ये नाराजगी नहीं बल्कि कांग्रेस के अंदर लोकतंत्र है कि सभी अपनी बात मजबूती से रख रहे हैं।
पिछले बार सरकार बदलने की हो रही थी चर्चा
पिछले बार जब कांग्रेस के विधायक दिल्ली दौरे पर गए थे। झारखण्ड की राजनीतिक गलियारे में कई तरह की चर्चाएं चलने लगी थीं। चर्चा होने लगी थी कि कांग्रेस के विधायक नाराज चल रहे हैं और वह पाला बदल सकते हैं। चर्चा करने वालों ने पाला बदलने वाले में कुछ झारखण्ड मुक्ति मोर्चा के विधायकों का भी नाम जोड़ दिया था।