NEWSPR डेस्क। आज नेल्सन मंडेला की जयंती है। 18 जुलाई पूरी दुनिया में नेल्सन मंडेला दिवस के तौर पर मनाया जाता है। इस मौके पर जेडीयू ट्रेडर्स प्रकोष्ठ के प्रदेश उपाध्यक्ष सह प्रवक्ता संजीव श्रीवास्तव ने उन्हें याद किया और कहा कि उनके विचारों पर चलने की जरूरत है। श्री श्रीवास्तव ने कहा कि शिक्षा सबसे सशक्त हथियार है जिससे दुनिया को बदला जा सकता है।
नेल्सन मंडेला जिनके विचारों की तुलना, जिनके जीवन की तुलना, जिनके व्यक्तित्व की तुलना भारत के महात्मा गांधी से की जाती हैं। उनका जन्म 18 जुलाई 1918 को दक्षिण अफ्रीका के म्वेजो में हुआ था। नेल्सन मंडेला ने बचपन से ही अपने जीवन में बहुत संघर्ष किया। उनके संघर्ष की कहानी को हर साल 18 जुलाई को याद किया जाता है। राष्ट्रपति बनने से पहले वह 27 साल तक जेल में रहे। इसके बाद 10 मई 1994 से 14 जून 1999 तक दक्षिण अफ्रिेका के राष्ट्रपति रहे।
अफ्रीका के ‘मदीबा’ नेल्सन मंडेला दुनियाभर में रंगभेद, नस्लभेद विरोध के प्रतीक बन गए हैं। दक्षिण अफ्रीका में लोग उन्हें प्यार से ‘मदीबा’ कहते हैं, जिसका मतलब स्थानीय भाषा में पिता है। रंगभेद से मुक्ति के लिए कभी हिंसक का क्रांति का आह्वान करने वाले मंडेला को महात्मा गांधी के सत्याग्रह और अहिंसा के विचारों ने जो प्रेरणा दी, उसने उनके आंदोलन की दिशा ही बदल दी।
गौरतलब है कि नेल्सन मंडेल ने काले – गोरे के भेदभाव को खत्म करने के लिए अथक प्रयास किया था, कई सारी नीतियां भी बनाई थी। नवंबर 2009 में संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा 18 जुलाई को ”अंतराष्ट्रीय नेल्सन मंडेला डे” घोषित किया। 18 मार्च 2010 को पहली बार यह दिवस मनाया गया।