NEWSPR /DESK : राजधानी राँची में डोरंडा थाना क्षेत्र के हिनू में बुधवार को दिन दहाड़े जमीन कारोबारी अल्ताफ आलम की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। अभी पुलिस इस हत्याकांड को सुलझी भी नहीं थी कि डोरंडा में शनिवार को एक बार फिर हत्या होते होते बच गया। स्थानीय लोगो की सजगता से जहां दो अपराधी चार पिस्टल के साथ दबोचे गए, वहीं बड़ी घटना होने से बाल बाल बच गई। घटना शनिवार दिन की है। डोरंडा के स्थानीय लोगो ने उर्दू लाइब्रेरी जैन मंदिर रोड के पास से शहबाज और मग्धी नाम के दो युवकों को चार पिस्टल के साथ पकड़ा। ये लोग डोरंडा सद्भावना कमेटी के अध्यक्ष जावेद अनवर को मारने के लिए ढूंढ रहे थे। लेकिन स्थानीय लोगो की इनकी संदिग्ध स्थिति पर नजर पड़ गई। इसके बाद स्थानीय लोगो ने इन्हें दबोच लिया। जब इनकी तलाशी ली गई तो इनके पास से चार अवैध पिस्टल निकले। पुलिस इन दोनों को थाने में लाकर पूछताछ कर रही है। पुलिस इस बात पर भी जांच कर रही है कि इन दोनों की बुधवार को हुए जमीन कारोबारी अल्ताफ हत्याकांड से तो संबंध नहीं है। क्योंकि पुलिस को सूचना मिली है कि नामजद आरोपी अली खान के साथ ये दोनों काम करते थे जो अब फरार है l
पांच युवक आए थे जावेद अनवर को खोजते हुए
डोरंडा के उर्दू लाइब्रेरी के पास रहने वाले डोरंडा सद्भावन कमेटी के अध्यक्ष जावेद अनवर को ढूंढते हुए पांच युवक पहुंचे थे। उसके घर के आसपास सभी घूम ही रहे थे कि स्थानीय लोगो ने पूछताछ शुरू कर दी। फिर सभी को घेर लिया। इस दौरान अन्य तीन वहां से भाग निकले। लेकिन दो को स्थानीय लोगो ने पकड़ लिया। फिर उसे डोरंडा थाना को सुपुर्द कर दिया। पूरी घटना को वहां पास में लगे एक सीटीटीवी में कैद हो गया। जिसमें हथियार के साथ दोनों युवक दिख रहे है और उनकी गतिविधि वहां संदिग्ध लग रही थी। इस संबंध में पुलिस का कहना है कि मामले में जांच की जा रही है।
अल्ताफ हत्याकांड का नामजद आरोपी अली खान तैयार कर रहा था गैंग, ताकि डोरंडा इलाका में उसका वर्चस्व रहे
अबतक की पूछताछ में पुलिस को जानकारी मिली है कि अल्ताफ हत्याकांड का नामजद आरोपी अली खान पूरे इलाके में अपना गैंग तैयार कर रहा था। जमीन के कारोबार में एकछत्र राज करने के लिए उसने कई स्थानीय लड़कों को अपने गैंग में जोड़ा था। उनपर पैसे खर्च करता था और उन्हें हथियार मुहैय्या कराता था। पुलिस को यह भी जानकारी मिली है कि अली को तैयार करने में कुछ स्थानीय लोग ही उसे बढ़ावा दे रहे थे। ताकि सिर्फ वे लोग ही डोरंडा इलाका में जमीन का धंधा कर सके।