NEWSPR /DESK : बिरसा मुंडा बागवानी योजना ने राज्य में हरियाली की चादर फैलाने में बड़ी अहम भूमिका निभायी है. 2016 से शुरू हुई इस योजना के 5 साल पूरे हो चुके हैं. पिछले साल 2020 में इसे सीएम हेमंत सोरेन ने बिरसा हरित ग्राम योजना नाम दिया है. मनरेगा के तहत इस कार्यक्रम को शामिल किया गया है. अब तक इसके जरिये राज्य में 32 हजार से अधिक हेक्टेयर भूमि पर 32 लाख से अधिक फलदार पौधे लगाये जा चुके हैं. जारी वित्तीय वर्ष (2021-22) में 21392 हेक्टेयर भूमि पर 2395951 पौधे लगाने का काम जारी है l
आम से मिठास और आत्मनिर्भरता दोनों
मनरेगा (ग्रामीण विकास विभाग) की मानें तो राज्य में इस साल आम की अच्छी पैदावार हुई है. 1000 टन से अधिक उत्पादन महज तीन जिलों खूंटी, गुमला और लोहरदगा में ही हो चुका है. बिरसा मुंडा बागवानी स्कीम के जरिये ही अलग-अलग जिलों में फलदार पौधे लगाने की मुहिम शुरू हुई थी. इसका नतीजा लगातार सामने आ रहा है.
बिरसा मुंडा बागवानी योजना के तहत आम उत्पादन का काम शुरू हुआ था. अब यह काम बिरसा हरित ग्राम योजना के नाम पर चल रहा है. प्रावधान के मुताबिक इसके तहत 50 डिसमिल जमीन में आम की खेती करायी जा रही है l
तीन साल तक देख-रेख का जिम्मा लाभुक का ही होता है. इस दौरान मजदूरी की राशि भी दी जाती है. इसके अतिरिक्त आम का पौधा, खाद और बीज के खर्च भी दिये जाते हैं. राज्य सरकार ने इस स्कीम के संचालन के लिए कलस्टर फैसिलेशन टीम (सीएफटी) बनायी थी l
टीम किसानों को प्रशिक्षण दिलाने के साथ-साथ तकनीकी सपोर्ट और स्कीम का लाभ दिलाने का काम करती थी. कलस्टर टीम की देखरेख और तकनीकी सपोर्ट के कारण ही पौधे की मृत्यु दर पांच फीसदी के आसपास थी l
गुमला टॉप पर, कोडरमा पीछे
बिरसा हरित ग्राम योजना से अब तक 37764 से अधिक लाभुक लाभ ले चुके हैं. करीब 32 हजार एकड़ (31667.68) पर फलदार पौधे लगाये गये हैं जिनमें सबसे अधिक आम के हैं. अब तक कुल 32,73,413 पौधे लगाये जा चुके हैं. योजना का लाभ उठाने में गुमला सबसे आगे रहा है. यहां 6777 लाभुकों ने इसका लाभ उठाया.
पूरे राज्य में सबसे अधिक यहीं 4712.17 एकड़ पर 534747 फलदार पौधे लगाये गये. इसके बाद दूसरे स्थान पर पश्चिमी सिंहभूम रहा. यहां 4059 लाभुकों ने इसका लाभ उठाया.
यहां 3609.7 एकड़ जमीन पर 314898 फलदार पौधे लगाये जा सके हैं. तीसरे पायदान पर खूंटी है जहां 3959 ग्रामीण लाभान्वित हुए हैं. 2888.9 एकड़ जमीन पर 309479 पौधे लगाये गये हैं.
इसके अलावे इस लिस्ट में कोडरमा और सरायकेला खरसावां ऐसे जिले हैं जहां क्रमशः 507 औऱ 519 ही लाभुक मिले हैं. यानी इस योजना से लाभ उठाने के मामले में निचले पायदान पर है. कोडरमा में अब तक 463.27 एकड़ जमीन पर 44119 पौधे लगाये गये हैं जबकि सरायकेला खरसावां में 498.63 एकड़ जमीन पर 82069 पौधे लगाये जाने की सूचना है l