NEWSPR डेस्क। पेगसस की मदद से जासूसी मामले पर बिहार कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस किया। उन्होंने बीजेपी को ‘भारतीय जासूस पार्टी’ की संज्ञा दी है। संवाददाता सम्मेलन में मदन मोहन झा ने बताया कि इजरायली एनएसओ कम्पनी द्वारा विकसित पेगासस सॉफ्टवेयर की मदद से भारतीय सरकार विपक्ष के नेताओं जिनमें कांग्रेस के राष्ट्रीय नेता राहुल गांधी के कार्यालय तक का फोन टैप करवाया गया हैं, यह देश की आंतरिक सुरक्षा को विदेशी कम्पनी के हाथों गिरवी रखने वाला कुकृत्य है। उन्होंने बताया कि फोन टैपिंग के मामले में 22 जुलाई को बिहार कांग्रेस के प्रमुख नेताओं द्वारा राजभवन मार्च किया जाएगा। विपक्ष के नेता राहुल गांधी सहित अन्य प्रमुख नेताओं, पत्रकारों और न्यायाधीशों की फोन टैपिंग को कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने सीधे सीधे नागरिक अधिकारों से जोड़कर कहा कि ये निजता के हनन का मामला है। किसी भी लोकतांत्रिक देश में तानाशाही रवैय्ये के साथ प्रधानमंत्री और गृह मंत्री द्वारा ऐसा व्यवहार किया जाना बेहद ही गलत काम है।
प्रदेश अध्यक्ष ने बताया कि इस कम्पनी का सॉफ्टवेयर केवल देश की सरकारों और उनकी एजेंसियों को ही बिक्री के लिए एनएसओ कम्पनी द्वारा अधिकृत किया गया है। एमटीएनएल जैसे टेलीफोन और इंटरनेट प्रदाता कम्पनी तक को सिटीजन रिपोर्ट में बताया गया कि इस सॉफ्टवेयर के इस्तेमाल से नजर रखा गया। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी सशंकित हैं कि उनकी भी जासूसी की जा रही है। उन्हें इस बात का भय निश्चित तौर पर है कि उनके ही सहयोगी उनकी जासूसी करवा रहें हैं।
उन्होंने बताया कि 2019 के लोकसभा चुनावों के दौरान अप्रैल-मई में सेलफोन से डाटा इस सॉफ्टवेयर के माध्यम से चुराया जा रहा था। नए आईटी मंत्री द्वारा देश को बरगलाने का काम किया गया और ऐसे किसी भी सॉफ्टवेयर के उपयोग से अनभिज्ञता जाहिर की गई जबकि पूर्व आईटी मंत्री ने स्वयं 28 नवम्बर 2019 को 121 लोगों की जासूसी की बात स्वीकार की थी।
संवाददाता सम्मेलन के माध्यम से प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने प्रधानमंत्री से कई सवालों पर जवाब मांगा है।
* आखिर भारतीय सुरक्षा बल, न्यायपालिका, कैबिनेट मंत्री, विपक्ष के नेताओं, पत्रकारों की ताकझांक में विदेशी सॉफ्टवेयर की मदद लेना गलत कृत्य है या नहीं?
* अप्रैल-मई 2019 के लोकसभा चुनावों के दौरान कांग्रेस के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार राहुल गांधी के कार्यालय सहित अन्य प्रमुख लोगों की जासूसी करने वाली यह सरकार की मंशा क्या थी?
* कितने करोड़ रुपये से इस सॉफ्टवेयर की खरीद की गई और किसके आदेश से यह खरीद हुई?
* सरकार को जब पता था कि 2019 से जासूसी का कार्य अनवरत चल रहा है तो उसने चुप्पी क्यों साध रखी थी?
* राष्ट्रीय आंतरिक मसलों को विदेश कम्पनी के हाथों गिरवी रखने के एवज में क्या गृह मंत्री अमित शाह को इस्तीफा नहीं देना चाहिए?
* प्रधानमंत्री, गृह मंत्री सहित जासूसी प्रकरण में संलिप्त सभी लोगों पर सर्वोच्च न्यायालय के द्वारा निगरानी में सम्पूर्ण जांच होनी चाहिए साथ ही दोषियों को चिन्हित करके कार्रवाई की जानी चाहिए।
देश में ऑक्सीजन खरीद और कोरोना मृतकों के परिजनों को देने के लिए मुआवजा राशि नहीं है, वैसे में इतने महंगे सॉफ्टवेयर की खरीद सरकार कर रही है ये कहाँ तक न्यायसंगत है।
इन मुद्दों को लेकर कांग्रेस पार्टी द्वारा राज्यपाल के माध्यम से
राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपा जाएगा और गृह मंत्री के इस्तीफे की मांग की जाएगी। उन्होंने बताया कि उनके अलावे विधायक दल के नेता अजीत शर्मा, सभी कार्यकारी अध्यक्ष, विधायक, विधान पार्षद, पूर्व सांसद, पूर्व विधायक व पूर्व विधानपार्षद सहित प्रदेश के प्रमुख नेताओं द्वारा 22 जुलाई को राजभवन मार्च किया जाएगा। ताकि देश में संवैधानिक पदों पर आसीन लोगों और आम नागरिकों की निजता का हनन ये सरकार न कर सकें।
संवाददाता सम्मेलन में प्रदेश मीडिया विभाग के चेयरमैन राजेश राठौड़, प्रवक्ता जया मिश्र, असित नाथ तिवारी, मीडिया पैनलिस्ट ज्ञान रंजन, युवा कांग्रेस अध्यक्ष गुंजन पटेल, स्नेहाशीष वर्धन पांडेय, सौरभ सिन्हा सहित अ