बिहार के मुखिया नीतीश कुमार सूबे में सुशासन होने का दंभ भरते हैं। लेकिन मोतिहारी से जो खबर सामने आ रही है, नीतीश कुमार के इस दावे की धज्जियां उड़ रही हैं। यहां के एक थाना का बॉस थानेदार नहीं, बल्कि एक दलाल है। थानेदार की जगह दलाल ही थाना चलाता है | थाने के सारे कामों को निपटाता है। यही नहीं उसे हर वो सुविधा मुहैया कराया गया है जो एक थानेदार के पास होती हैं | उसे सरकारी क्वार्टर दिया गया है। सुरक्षा के लिये बॉडीगार्ड भी । यहीं नहीं उसके रौब के आगे पुलिसकर्मियों की भी बोलती बंद रहती है। वही सभी की ड्यूटी भी लगाता है। वही फैसला लेता है कि कौन पुलिसकर्मि किस ओर और कब गश्ती पर जायेगा। अब आपको पूरे मामले की जानकारी देते हैं|
मोतिहारी के कुड़वाचैनपुर थाना के वायरल वीडियो का मामला आजकल सुर्खियों में है| वायरल वीडियो से सुशासन की पोल खुल रही है। थानेदार के दलाल का इतना धौंस है कि सरकारी क्वार्टर में रहकर सभी मामलों का निपटारा करता है। इतना ही नहीं उसका इतना रुतबा है कि रौब के कारण पुलिस पदाधिकारी गार्ड रूम में रहते हैं| वह थानेदार के बगल के क्वाटर में रहता है। सूत्रों की माने तो थाना की गश्ती से लेकर पदाधिकारी की डियूटी तक सब काम उसी के आदेश पर चलतें हैं। शहर में निकलता है तो पीछे एक गार्ड भी लेकर चलता है। इतना ही नहीं थाना के सभी गोपनीय रिपोर्ट से लेकर जमीनी विवाद सहित सभी मामलों का निपटारा भी करता है। थाना भवन में बैठकर कंप्यूटर चलते हुए मामले का निपटारा करते एक वीडियो सोशल मीडिया पर खूब ट्रेंड कर रहा है। वाइरल वीडियो में स्पष्ट दिख रहा है कि जब वह न ही थाने का कर्मी है ना ही अधिकारी फिर भी थाने में कंप्यूटर चलाते हुए मामले का निपटारा करता हैं। वीडियो वायरल होने के बाद लोगों ने बताया कि थानेदार के बाद अगर थाना में किसी की चलती है तो सिर्फ तारिक (दलाल) की। शहर में भी तारिक का खूब रुतबा है। वह जिसको जो आदेश देगा वह नियम बन जायेगा। कुड़वाचैनपुर थाना आजकल तस्कर से पैसा वसूली, डियूटी लगाने पर महिला सिपाही द्वारा मुंशी पर रायफल तानने ,थानेदार के लिए तस्कर से चौकीदार के द्वारा वसूली मामले का हो रहे वाइरल वीडियो से सुर्खियों में हैं। अब देखना है कि तीनों मामले के जांच के बाद क्या कार्रवाई होती है।
जनवरी माह में नेपाली लड़की के साथ गैंगरेप के बाद हत्या कर शव जलाने मामले में आरोपी और तत्कालीन थानेदार संजीव रंजन का ऑडियो वाइरल हुआ था। वाइरल ऑडियो में पुलिस की बड़ी छवि धूमिल हुई थी| उसमे थानेदार संजीव रंजन को अप्राथमिकी अभ्युक्त बनाया गया था। सात माह बीतने के बाद भी उनकी गिरफ्तारी नही हो सकी।
दूसरी वीडियो नेपाल से तस्करी करने वाले तस्कर से छोटा बाबू द्वारा खर्चा पानी मांगने व चौकीदार व तस्कर के थानेदार के नाम पर महीना वसूली की बातचीत का वीडियो वायरल हुआ था। वाइरल वीडियो का एसपी के निर्देश पर सिकरहना डीएसपी जांच ही कर रहे थे कि तीसरा मामला गश्ती भेजने के लिए महिला कांस्टेबल को आदेश देने थाना मुंशी को महंगा पड़ गया। महिला कांस्टेबल पर मुंशी ने रायफल ही तान दिया। उसके बाद मुंसी ने थाने में कांस्टेबल के विरुद्ध सनहा दर्ज कराया गया|
हाल ही में शराब के मामला की डील करने को लेकर एक युवक धनन्जय व उसके मामा की पिटाई के बाद सोशल मीडिया पर एसपी, सीएम, डीजीपी को भेजा गया आवेदन बहुत कुछ बया कर रहा है।