NEWSPR डेस्क। वैशाली में खेला। खेल वाला खेला नहीं। ये खेला है बीमार को ठीक करने का। मर्ज का दवा भी ऐसी कि बीमार तो मदहोश होगा ही पर प्रशासन के भी होश पाख्ते हो जायेंगे। क्योंकि यहां सुशासन की सरकार है। यहां शराब बंदी है। पर वैशाली के एक अस्पताल में जहां दवा का स्टॉक होना चाहिये था, वहां से दारू का जखिरा निकल रहा है। मामला प्रतापटांड के प्राथमिक स्वास्थ केन्द्र का है। दरअसल वैशाली जिले के भगवानपुर थाना क्षेत्र में एक ऐसा सरकारी अस्पताल का भांडाफोड़ हुआ है जो सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती है।
भगवानपुर पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि अस्पताल में दवा की जगह दारु रखा गया है। जहां मरीजों को रोग निरोधक दवा मिलनी चाहिए वहां अस्पताल के कमरों से शराब की पेटियां बरामद किया गया है। भगवानपुर थानाध्यक्ष अलोक कुमार के मुताबिक प्रतापटांड के ग्रामीण सरकारी अस्पताल में शराब छुपाए जाने की सूचना मिली। तत्काल थाना अघ्यक्ष आलोक कुमार SI विनय कुमार और सशस्त्र बलों के साथ छापा मारा। अस्पताल के कमरे में 69 कार्टन विदेशी शराब बरामद किया गया।
यह अब तक की सबसे हैरान कर देने वाली खबर है। यहां सरकारी अस्पतालो में कोरोना के टेस्ट एवं टीकाकरण के लिए मारामारी चल रही है। वहीं एक ग्रामीण अस्पताल मे दवा की जगह शराब का होना स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही और कमजोरियां उजागर कर रही है। अस्पताल में रखी शराब की बोतलें ईशारा कर रही हैं कि कहां गयी शराब बंदी और जब शराब बंदी है तो कहां से शराब आ रहे हैं। धरती फाड़ कर या आसमान से तो नहीं बरस रहे हैं। पुलिस की इतनी मुस्तैदी के बाद भी शराब कारोबारी पुलिस की आंखों में धूल झोंकने की भरपूर कोशिक करते हैं और अंत में पकड़े जाते हैं और आज भगवानपुर थानाध्यक्ष आलोक कुमार की निगाहों से छुप नहीं सके और शराब तो पकड़ाया ही साथ में स्वास्थ्य विभाग की पोल भी खुल गयी।