NEWSPR डेस्क। पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव के बाद हुई हिंसा के मामले में कलकत्ता हाईकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल की पीठ ने फैसला सुनाया। हिंसा की निष्पक्ष जांच को लेकर दायर याचिकाओं पर पीठ ने फैसला सुनाया। फैसले में कहा गया है कि चुनाव बाद हिंसा की जांच सीबीआई करेगी। अस्वाभाविक मृत्यु, हत्या और रेप सहित अन्य अधिक महत्व के अपराध के मामलों की जांच सीबीआई करेगी, जबकि अपेक्षाकृत कम महत्वपूर्ण मामले की जांच के लिए 3 सदस्यीय SIT का गठन किया गया है। जांच कमेटी अपनी रिपोर्ट हाईकोर्ट को देगी। आईपीएस अधिकारी सुमन बाला साहू, सौमेन मित्रा और रणबीर कुमार के नेतृत्व में यह सिट गठित होगा। इस SIT की निगरानी सुप्रीम कोर्ट के एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश करेंगे। वह रिपोर्ट भी छह सप्ताह के भीतर जमा करनी होगी।
बता दें, 3 अगस्त को कलकत्ता हाई कोर्ट की पांच सदस्यीय पीठ ने हिंसा से संबंधित जनहित याचिकाओं पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। अदालत ने संबंधित पक्षों से उसी दिन तक कोई अतिरिक्त दस्तावेज जमा करने को भी कहा था। कोर्ट ने आज अपने फैसले में राज्य मानवाधिकार रिपोर्ट को मान्यता दी। हिंसा की जांच के लिए गठित सिट अपनी रिपोर्ट हाईकोर्ट की खंडपीठ को सौंपेगा. यदि कोई और शिकायत रहेगी, तो उसे खंडपीठ के समक्ष लाना होगा. इसके साथ ही हिंसा से पीड़ित लोगों को क्षतिपूर्ति देने का हाईकोर्ट ने निर्देश दिया है।