हनुमानगढ़ी से नियुक्त महंत महावीर मंदिर के शाखा मठ से भी हुए बेदखल, ट्रस्टी बनाने पर हाईकोर्ट ने लगाई रोक

Patna Desk

NEWSPR डेस्क। पटना अयोध्या हनुमानगढ़ी के गद्दीनशीं महंत प्रेमदास ने जिस महेंद्र दास को महावीर मंदिर का महंत बनाया है, उन्हें शेखपुरा राजाबाजार स्थित महावीर मंदिर की शाखा मठ के न्यासधारी पद से हटा दिया गया है। बिहार राज्य धार्मिक न्यास बोर्ड ने उन्हें न्यासधारी बनाया था। उस आदेश पर गुरुवार को पटना हाईकाेर्ट के न्यायमूर्ति अनिल कुमार सिन्हा ने स्थगन आदेश जारी कर नोटिस जारी किया है।

महावीर मंदिर न्यास की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता पीके शाही और धार्मिक न्यास बोर्ड की ओर से गणपति त्रिवेदी ने बहस की और तथ्यों को न्यायालय के समक्ष रखा। महावीर मंदिर की ओर से एडवोकेट ऑन रेकार्ड आरके सिन्हा थे। हाईकोर्ट के इस ताजा आदेश की जानकारी महावीर मंदिर न्यास के सचिव आचार्य किशोर कुणाल ने दी।

किशोर कुणाल ने बताया कि महेंद्र दास 2009 में शेखपुरा मठ के न्यासधारी घोषित हुए थे। उस समय भी पटना हाईकाेर्ट के तत्कालीन न्यायमूर्ति नवीन सिन्हा ने उसको रद्द कर दिया था और इस तथ्य को छुपा कर उन्होंने पुनः अपने को न्यासधारी घोषित कराया था, जिस पर हाईकाेर्ट ने रोक लगा दी है। उन्होंने कहा कि महावीर मंदिर या इसके अधीनस्थ किसी मंदिर/मठ में महंत का कोई पद कभी नहीं रहा है। यह 1948 और 1990 के पटना हाईकाेर्ट के निर्णय और 1994 व 1995 के उच्चतम न्यायालय के आदेश से स्पष्ट है।

 

पटना से विक्रांत की रिपोर्ट…

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